रायपुर। कोरोना संक्रमण काल के दौरान बच्चों की पढ़ाई अच्छी खासी प्रभावित हुई। कई बच्चे का स्तर काफी पिछड़ गया। ऐसे बच्चों को चिन्हांकित कर उनके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इसे नवा जतन नाम दिया है।
इस योजना के क्रियान्यन के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) इन दिनों प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के सभी जिलों से चार-चार लोगों को बुलाया गया है। जिसमें एक सहायक परियोजना अधिकारी, एक डाइट शिक्षक और दो शिक्षक शामिल हैं। प्रशिक्षण के बाद जिले की यह टीम अपने जिले में शाला संकुल समन्वयक को प्रशिक्षित करेंगी। सीएसी अपने संकुल के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।
नवा जतन कार्यक्रम अपने आप में अनूठा इसलिए है कि इसमें सामान्य कक्षा के दौरान ही उपचारात्मक शिक्षण को कराया जाना है। प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन के लिए एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञों ने अपने विषय के उपचारात्मक शिक्षण कैसे किए जाने हैं, सेतु पाठ्यक्रम और लर्निंग आउटकम आधारित बेसलाइन आंकलन पर प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने प्रशिक्षु प्रतिभागियों से पूरे कार्यक्रम की संवेदनशीलता, महत्ता और उपयोगिता पर चर्चा की। यह कार्यक्रम संचालक एस.सी.ई.आर.टी. श्री राजेश सिंह राणा के विशेष मार्गदर्शन एवं निर्देशन में संचालित किया जा रहा है।