TIRANDAJ.COM . हमारे स्वास्थ्य के लिए मिनरल्स बहुत जरूरी होते हैं। यह हड्डी, मांसपेशियों और हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन्हीं मिनरल्स में से एक है आयरन यानी लोहा। अगर, इसकी कमी शरीर में हो तो हीमोग्लोबिन कम हो जाता है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
साथ ही ज्यादा थकान होने, कमजोरी महसूस होने, भूख में कमी होना, ठंड लगना, हाथ पैरों का ठंडा रहना, सिर दर्द या उल्टी की परेशानी हो सकती है। कुछ मामलों में आयरन की कमी से मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। इससे खरतनाक एक और चीज हो सकती है। वह है डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार हो जाना।
इससे पीड़ित होने पर व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। दैनिक गतिविधियों में रुचि का कम हो जाती है। वह हर चीज में निगेटिविटी ही ढूंढता रहता है। यहां तक की कुछ मामले में लोगों में सुसाइडल टेंडेंसी यानी आत्महत्या के विचार भी आने लगता हैं।
क्या आयरन की कमी से डिप्रेशन हो सकता है?
दरअसल, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन बहुत जरूरी है। यह सुनिश्चित करता है कि ऑक्सीजन शरीर के सभी अंगों तक पहुंचे। शरीर में आयरन की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है और शरीर के ऊतकों में कम ऑक्सीजन का संचार होता है। लंबे समय तक आयरन की कमी न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मस्तिष्क को भी प्रभावित करती है।
डोपामाइन के साथ संबंध के कारण आयरन की कमी से अवसाद हो सकता है। डोपामाइन मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर में से एक है जो हमें खुश करता है। दिमाग में डोपामाइन के उत्पादन के लिए आयरन की जरूरत होती है।
इन चीजों को खाकर दूर सकते हैं आयरन की कमी
आयरन की कमी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है। अपने शरीर में आयरन की कमी से बचने के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हरी सब्जियां, सूखे मेवे, ओट्स, दालें आदि का सेवन करें। इसके साथ ही अपने डॉक्टर से सलाह लेकर आयरन सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। मगर, कोई भी उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।