WASHINGTON NEWS. अमेरिका के टैरिफ टैक्स से पूरी दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 देशों पर नए व्यापारिक टैक्स (टैरिफ) लगाने का एलान किया है। सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत शुल्क म्यांमार और लाओस पर लगाया गया है। ट्रंप ने इन टैरिफ की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दी। उन्होंने बताया कि इस फैसले से जुड़े आधिकारिक पत्र सभी देशों के नेताओं को भेजे जा चुके हैं। ट्रंप ने इसे टैरिफ लेटर्स की एक नई लहर बताया। ये नए नियम 1 अगस्त से लागू होंगे।
इस फैसले के तहत कुछ देशों पर 25% टैक्स लगाया गया है, जबकि कुछ पर 30% से 40% तक का भारी शुल्क लगाया गया है। दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं को ट्रम्प ने सबसे पहले लेटर भेजा और कहा कि उनके देश से आने वाले सामान पर अब 25% शुल्क लगेगा। उन्होंने लिखा कि ये टैक्स इसलिए जरूरी हैं ताकि अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार में जो असंतुलन है, उसे सुधारा जा सके। ट्रम्प की टैरिफ चेतावनी का ब्रिक्स के प्रमुख देश चीन ने कड़ा विरोध किया है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर एक सकारात्मक संगठन है। चीन किसी भी प्रकार के टैरिफ और ट्रेड वॉर का विरोध करता है।
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वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने 14 देशों को भेजे गए आधिकारिक पत्रों में सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर वे बदले की कार्रवाई के तहत अमेरिका पर टैरिफ (शुल्क) बढ़ाते हैं तो अमेरिका भी उतना ही टैक्स और ज्यादा जोड़ देगा। उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि अगर आपने किसी भी कारण से अपने टैरिफ बढ़ाए तो आपने जितना प्रतिशत बढ़ाया होगा, हम उस पर उतना ही अतिरिक्त टैक्स और जोड़ देंगे।
ट्रंप के मुताबिक ये नए टैरिफ जरूरी हैं ताकि उन सालों पुरानी गलत नीतियों को सुधारा जा सके जिनमें अमेरिका पर भारी व्यापार घाटा (Trade Deficit) थोप दिया गया था। ट्रंप के मुताबिक, इन नीतियों में टैरिफ और गैर-टैरिफ अड़चनें दोनों शामिल रही हैं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पर पड़ा यह व्यापार घाटा हमारी अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। जब व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट से पूछा गया कि इन दोनों देशों को सबसे पहले क्यों चुना गया तो उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है. उन्होंने वही देश चुने जिन्हें वह उचित समझते हैं।
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इन देशों पर लगेगा टैक्स?
- म्यांमार- 40%
- लाओ पीपल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (लाओस)- 40%
- कंबोडिया- 36%
- थाईलैंड- 36%
- बांग्लादेश- 35%
- सर्बिया- 35%
- इंडोनेशिया- 32%
- दक्षिण अफ्रीका- 30%
- बोस्निया और हर्जेगोविना- 30%
- जापान- 25%
- कजाखस्तान- 25%
- मलेशिया- 25%
- दक्षिण कोरिया- 25%
- ट्यूनिशिया- 25%