LORMI NEWS. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी ब्लॉक में एक रूह कंपा देने वाली वारदात सामने आई है, जिसमें चार युवकों ने अपने ही दोस्त की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को पत्थर से बांधकर नदी में फेंक दिया। महज 18 से 21 साल की उम्र के इन युवाओं ने पुरानी रंजिश के चलते इस खौफनाक साजिश को अंजाम दिया। पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड का 48 घंटे में पर्दाफाश करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुरानी रंजिश बनी मौत की वजह
मृतक की पहचान दशरथ वर्मा उर्फ रमाशंकर के रूप में हुई है, जो 27 जून की रात खाना खाने के बाद घर से निकला था और फिर लौटकर नहीं आया। उसके छोटे भाई संजय वर्मा ने 28 जून को लोरमी थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। संजय ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले दशरथ का अज्जू ठाकुर और उसके साथियों से झगड़ा हुआ था। पुलिस ने सूचना के आधार पर जांच शुरू की।

शराब पार्टी से शुरू हुआ खूनी खेल
जांच के दौरान पता चला कि 27 जून की रात आरोपी अज्जू उर्फ अजीत ठाकुर, गौतम उर्फ चिंटू महरा, विवेक तिवारी और पवन कुंभकार बाजारपारा इलाके में शराब और चिकन पार्टी कर रहे थे। तभी दशरथ वहां से गुजरा। अज्जू ठाकुर ने उसे बुलाया और दोस्ती का बहाना बनाकर विवाद शुरू कर दिया। फिर सभी ने मिलकर दशरथ को कंकालिन मंदिर के पीछे सुनसान इलाके में ले जाकर मारपीट की। लोहे के चाकू से गले, सिर और माथे पर कई वार कर उसकी मौके पर ही हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को तार और गमछे से बांधकर, पत्थर लपेटकर मनियारी नदी में फेंक दिया गया।

पुलिस की कार्रवाई और साक्ष्य बरामदगी
साइबर सेल की मदद से आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना अपराध कबूल किया। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने मनियारी नदी से शव बरामद किया। साथ ही, हत्या में इस्तेमाल किया गया लोहे का चाकू और खून से सने कपड़े भी घटनास्थल से बरामद किए गए।

आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
लोरमी पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1), 140(1), 238, और 3(5) BNS के तहत अपराध दर्ज किया है। सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस केस के खुलासे में थाना प्रभारी अखिलेश कुमार वैष्णव और साइबर सेल प्रभारी सुशील बंछोर सहित पुलिस टीम की अहम भूमिका रही। इस घटना ने पूरे जिले को दहला दिया है और यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस तरह से युवाओं में बढ़ती हिंसक प्रवृत्तियाँ और आपसी दुश्मनी कानून व्यवस्था और समाज के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही हैं।