BHILAI STEEL PLANT NEWS. जब कहीं कोई सुनवाई न हो और समस्या विकराल होती जाए तो जिन्हें चिंता होती है, उन्हें मैदान में उतरना पड़ता है। भिलाई में भी कुछ ऐसा ही हुआ। देश-विदेश में ट्रेन की पटरी और स्टील की सप्लाई करने वाले भिलाई स्टील प्लांट यानी BSP में भी समस्याओं के निदान पर मैनेजमेंट को सांप सूंघ जाता है। पुलिस ने भी सहायता केन्द्र खोला, लेकिन लगता है उसे ही मदद की दरकार है। नतीजा करोड़ों के मालिक ट्रांसपोर्टर ट्रैफिक संभालने सड़क पर आ गए।
यह मामला है भिलाई स्टील प्लांट में प्रवेश के प्रमुख द्वारों में से एक बोरिया गेट का। ये वही गेट है, जहाँ से भिलाई स्टील प्लांट से लोहा बड़े-बड़े ट्रकों में भरकर बाहर जाता है। चूंकि बड़े पैमाने पर लोहा बाहर जाता है, इसलिए यहां भारी वाहनों का जमघट लगा रहता है। इसी गेट से बीएसपी के कर्मचारी भी प्लांट में आना-जाना करते हैं। भारी वाहनों की ज्यादा संख्या और BSP कार्मिकों के आवागमन से हादसे का अंदेशा बना रहता है।
भिलाई ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह छोटू की मानें तो एसोसिएशन यहाँ वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने और हादसों की आशंका को कम करने के लिए व्यवस्था की मांग लंबे समय से कर रही है। इसके लिए पुलिस और BSP मैनेजमेंट से भी एसोसिएशन के पदाधिकारी मिल चुके हैं। सड़क और भारी वाहनों की पार्किंग के लिए तय जमीन पर कब्जे हैं। एसोसिएशन की मांग रही है कि यहाँ से कब्जों को साफ कर दिया जाए और पार्किंग का एरिया बढ़ा दिया जाए।
पुलिस सहायता केन्द्र को मदद की जरूरत
पुलिस ने व्यवस्था बनाने के नाम पर पुलिस सहायता केन्द्र तो खोला, लेकिन सहायता केन्द्र में ताला पड़ चुका है। इसकी हालत देखकर ऐसा लगता है, मानो पुलिस सहायता केन्द्र को ही मदद की जरूरत है। दूसरी ओर BSP प्रबंधन तो लगता है कि सुनने को तैयार ही नहीं है। जबकि इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं की आशंका हर पल बनी रहती है।
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भिलाई स्टील प्लांट के बोरिया गेट के पास स्थित पुलिस सहायता केन्द्र, जो बंद पड़ा है।
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लगातार मांग और मीटिंगों के बाद भी जब कोई हल होता दिखाई नहीं दिया तो भिलाई के ट्रांसपोर्टर जो कई सौ ट्रकों के मालिक हैं। यानी करोड़पति हैं, वे सड़क पर उतर आए। एसोसिएशन के पदाधिकारी हर रोज दो शिफ्ट में ट्रक चालकों को यातायात व्यवस्था बनाने के लिए तैयार कर रहे हैं। क्योंकि ट्रांसपोर्टर अपने ही ट्रक ड्राइवरों को कुछ कह सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की मांग है कि अगर भारी वाहनों के पार्किंग एरिया को बढ़ा दिया जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा। यातायात सुगम हो जाएगा और हादसों की आशंका भी कम हो जाएगी।
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