KANKER. शिक्षा का स्तर लगातार गिरने से नाराज़ एसटी, एससी व ओबीसी समुदाय ने आज रैली निकालकर विरोध जताया। समुदाय के लोगों ने बच्चों को फ्री में उत्तीर्ण करना बंद करने, युक्तियुक्तकरण का विरोध, प्राथमिक शालाओं में विषयवार शिक्षकों की भर्ती सहित 23 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव, लोक शिक्षण संचालक, कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के नाम दुर्गूकोंदल तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
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शिक्षा के गिरते स्तर से चिंतित एसटी, एससी ओबीसी समाज ने गोंडवाना समाज भवन दुर्गूकोंदल में आज सभा का आयोजन किया। सभा के उपरांत रैली निकाली और ज्ञापन सौंपा। सर्व आदिवासी समाज ब्लाक अध्यक्ष, गोंड़ समाज के उपाध्यक्ष जगतराम दुग्गा ने कहा कि शिक्षा बच्चों के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता भी जरूरी है।
प्राथमिक शाला में 5कक्षाएँ संचालित होती हैं, माध्यमिक शाला में 3 कक्षाएं संचालित होती हैं, कहीं 1 तो कहीं 2 शिक्षक पदस्थ हैं। 1 शिक्षक से 5 कक्षाएँ संचालित नहीं हो सकती है। स्कूल तो खुलती है, पर पढ़ाई नहीं होती है। माध्यमिक शाला में 3 कक्षाओं में 18 कालखंड होते हैं। 1 या 2 शिक्षक 18 कालखंड में पढ़ाई नहीं करा सकते हैं। माध्यमिक और प्राथमिक शालाओं में विषयवार शिक्षक की भर्ती होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों की औसत संख्या के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना गलत है। 5 कक्षाओं के लिए कम से कम 4 शिक्षक और मिडिल स्कूल के लिए 5 शिक्षक अनिवार्य रूप से होने चाहिए। बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना शिक्षा स्तर को कमजोर करती है। जबसे बच्चों को बिना पढ़ाई कराये उत्तीर्ण करने की नीति सरकार ने लागू किया है। तब से एसटी,एससी और ओबीसी समाज के बच्चों की शिक्षा स्तर दिनों- दिन कमजोर होती जा रही है।
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बच्चे पढ़ना और लिखना भी नहीं जानते हैं। जब बच्चे लिखना पढ़ना नहीं जानेंगे तो प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण नहीं कर सकेंगे। इस नीति का हम विरोध करते हैं, सरकार को फ्री में उत्तीर्ण करने की व्यवस्था में बदलाव करना चाहिए। शिक्षक की भर्ती करना चाहिए। हमने ज्ञापन में बिंदुवार मांग किया है। सरकार मांग पूरा नहीं करती है तो जन आंदोलन करेंगे। बड़ी संख्या में एसटी एससी ओबीसी समुदाय के आम नागरिक, शाला प्रबंधन और शाला विकास समिति के अध्यक्ष उपस्थित थे।