TEC NEWS.इंटरनेट के माया जाल में सिर्फ देश ही नहीं बल्कि लगभग विदेशी भी फंसे हुए है। सोशल साइट्स में लोगों की जासूसी करने वाले वेब साइट्स भी है। जिसके माध्यम से यूजर्स क्या कर रहे है किस साइट पर ज्यादा टाइम दे रहे है। जैसी डाटा को हासिल करने की कोशिश की जाती है। लेकिन अब गूगल क्रोम ने जासूसी करने वाले इन साइट्स से यूजर्स को बचाने के लिए नया फीचर ले कर आए है। जो थर्ड पार्टी कुकीज को डिसेबल करता है।
ये कुकीज छोटी फाइल्स होती है जो यूजर्स के डिवाइस में स्टोर होती है। ये ऐनालिटिक डेटा कलेक्ट करती है। ऑनलाइन एड्स को पर्सनलाइज करती है और ब्राउजिंग को मॉनिटर भी करती है। शुरूआत में गूगल क्रोम ब्राउजर का ये फीचर 1 प्रतिशत ग्लोबल यूजर्स यानी करीब 30 मिलियन लोगों के लिए उपलब्ध होगा। गूगल ने इस बदलाव को अभी टेस्ट फेज बताया है। वहीं साल के अंत तक कुकीज को हटाने के लिए फुल रोलआउट का भी प्लान है।
यूजर्स से पूछा जाएगा इस बारे में
गूगल के मुताबिक रैंडम तरीके से सलेक्ट किए गए यूजर्स से पूछा जाएगा कि क्या वे ज्यादा प्राइवेसी के साथ ब्राउजिंग करना चाहते है। गूगल के वाइस प्रेसिडेंट एंथोनी चावेज ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि हम क्रोम से थर्ड पार्टी कुकीज को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए एक जिम्मेदार अप्रोच करना चाहते है।
अस्थाई विकल्प भी होगा
गूगल क्रोम में अगर कोई साइट थर्ड पार्टी कुकीज के बिना काम नहीं करती है और क्रोम नोटिस करता है कि आपको दिक्कत हो रही है तो उस वेबसाइट के लिए थर्ड पार्टी कुकीज को अस्थायी रूप से री इनेबल करने का ऑप्शन देंगे। गूगल का कहना है कि वो इंटरनेट को ज्यादा प्राइवेट बनाने के लिए काम कर रहा है। लेकिन कई वेबसाइटों के दृष्टिकोण से बात करें तो कुकीज विज्ञापन बेचने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिस पर वे निर्भर है।