RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार पारम्परिक त्योहारों व मान्यताओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहार हरेली पर आम नागरिकों को गेड़ी उपलब्ध कराएगी। यह गेडियां वन-विभाग के कार्यालयों और सी-मार्ट में उपलब्ध रहेंगी, जिसे आम लोग निर्धारित शुल्क देकर खरीद सकेंगे। स्थानीय स्तर पर इच्छुक लोग बसोड़ों के जरिये भी गेड़ी सशुल्क खरीद सकते है। इससे बसोड़ों के आय में भी बढ़ोतरी होगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास राव ने मुख्यमंत्री भूपेश की इस पहल के बारे में बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन-विभाग द्वारा गेडियां बनाकर बेची जाएगी। हरेली तिहार में गेड़ी चढ़ने की परंपरा बहुत पुराणी है। इस त्यौहार के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों द्वारा गेड़ी बनाते है, परिवार के बच्चे और युवा गेड़ी चढ़कर जमकर आनंद लेते हैं।
गेड़ी चढ़कर ग्रामीण कृषक-समाज वर्षा ऋतु का स्वागत करते है। वर्षा ऋतु के दौरान गांवों में सभी तरफ कीचड़ होता है, लेकिन गेड़ी का इस्तेमाल कर कहीं भी आसानी से आया-जाया जा सकता है।
यह गेड़ियां बांस से बनी होती है। दो बांस में बराबरी दूरी पर कील लगाकर एक और बांस के टुकड़ों को बीच से फाड़कर उसे दो भागों में बांटा जाता है। फिर उसे रस्सी से जोड़कर पांव रखने के लिए पौवा बनाया जाता है। गेड़ी पर चलते समय रच-रच की आवाज आती है, और यही वातावरण को और आनंददायक बनाती है।