BILASPUR. महादेव बुक, रेड्डी अन्ना और ऑनलाइन सट्टा पर बिलासपुर पुलिस ने बढ़ी कार्यवाई की है। इससे जुड़े 4 शातिर आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। फ़र्ज़ी बैंक खाता खोलकर आरोपी लोगों से ट्रेडिंग के बहाने खाता लेकर उसका उपयोग ऑनलाइन सट्टा में करते थे। आरोपियों से 10 लाख रुपए नगद, 12 करोड़ 30 लाख रूपये ऑनलाइन फ्रीज व 30 मोबाइल फ़ोन, 10 लैपटॉप और 10 एटीएम भी जब्त किया गया है। साथ ही 24 ऐसे खातों की पहचान की गई है जिसमें बैंक के कर्मचारियों की मिली भगत है। 275 से अधिक एकाउंट को भी मामले में होल्ड कराया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में एक आरोपी बैंगलोर और तीन आरोपी बिलासपुर के रहने वाले हैं। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और ऑनलाइन बैटिंग की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। बिलासपुर एसपी संतोष सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, बीते दिनों तारबाहर थाना क्षेत्र में फर्जी बैंक खाता खुलवाकर 50 करोड़ से अधिक के रकम का ट्रांजेक्शन करने का मामला सामने आया था। जिसमें धारा 420,34 और 07 जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
मामले के विवेचना में ये बात सामने आई कि इसमें प्रयुक्त बैंक खातों का प्रयोग ऑनलाइन सट्टा महादेव बुक, रेड्डी अन्ना में ऑनलाइन सट्टा खेलने के लिए रकम लेन देन में किया गया है। फर्जी बैंक खाता खोलने के लिए सार्थक और क्षितिज स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले अपने जान पहचान वाले लोगों को शेयर ट्रेंडिंग का कारण बता कर फर्जी बैंक खाता खोलवाते थे और बैंक रकम ट्रांजेक्शन में प्रयोग होने वाले आईडी पासवर्ड, UPID जैसे कार्ड से मुहैया कराते थे।
मामले में बैंक कर्मचारियों की भी संलिप्तता मिली है। बैंक खाता खोलने में यस बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI, HDFC, IDFC के कर्मचारियों की भी बड़ी भूमिका है। गौर करने वाली बात ये भी है कि, बैंक खाता में जो मोबाइल नंबर रजिस्टर है वे मोबाइल नंबर भी खाता धारक के नही हैं। छितिज के कहने पर फर्जी मोबाइल नंबर को खाता में रजिस्टर कर दिया जाता था। ताकि, ऑनलाइन बैंकिंग और UPI ट्रांजेक्शन में ऑनलाइन सट्टा खेलने वालों को पैसा लेन-देन करने में कोई दिक्कत न हो।
यही नहीं जहां पर मोबाइल सिम बेचे जाते हैं उन दुकानों में भी मोबाइल सिम अपडेट करते समय एक बार की बजाए दोबारा फिंगरप्रिंट स्कैन कर लिया जाता था और दो बार फोटो खीचकर फर्जी सिम कार्ड चालू कर लिया जाता था, जिसका उपयोग आरोपी बाद में खातों में करते थे। मामले में बिलासपुर के ऐसे मोबाइल दुकान वालों की पहचान भी की गई है। इसके साथ ही पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से 10 लाख रुपए नगद, 12 करोड़ 30 लाख रूपये ऑनलाइन फ्रीज व 30 मोबाइल फ़ोन, 10 लैपटॉप और 10 एटीएम जब्त किया गया है। साथ ही 24 ऐसे खातों की पहचान की गई है जिसमें बैंक के कर्मचारियों की मिली भगत है। 275 से अधिक एकाउंट को भी मामले में होल्ड कराया गया है। 600 वीआईपी मोबाइल नंबर जो महादेव और अन्य सट्टा प्लेटफार्म से संबंधित हैं, उनकी पहचान भी की गई है। इन्हें डिएक्टिवेट कराया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों में एक आरोपी रजत जैन बैंगलोर और तीन आरोपी क्षितिज, कार्तिक और बॉबी बिलासपुर के रहने वाले हैं। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और ऑनलाइन बैटिंग की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।