JAGDALPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। राज्य के विभिन्न जिलों में एक ही दिन में कुल 66 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें कई वांछित, इनामी और उच्च पदस्थ नक्सली शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सरेंडर करने वाले नक्सली अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प ले चुके हैं।
बीजापुर में 25 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
बीजापुर जिले में 25 नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। इन सभी पर कुल 1.15 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। नक्सली लंबे समय से क्षेत्र में हिंसात्मक गतिविधियों में शामिल थे। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति और सशस्त्र बलों की रणनीति का असर साफ दिख रहा है।
कांकेर में महिला नक्सलियों समेत 13 ने छोड़ा हथियार
कांकेर जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। यहां 5 महिला नक्सलियों समेत कुल 13 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इन पर कुल 62 लाख रुपये का इनाम था। सरेंडर करने वालों में कंपनी कमांडर भी शामिल है। सभी नक्सली उत्तर बस्तर क्षेत्र में सक्रिय थे और इन्होंने एसपी के सामने सरेंडर किया।
दंतेवाड़ा में 15 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, 5 इनामी
दंतेवाड़ा जिले में 5 इनामी नक्सलियों समेत कुल 15 नक्सलियों ने एसपी के समक्ष सरेंडर किया। इन पर कुल 17 लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय थे और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
सुकमा में ASP के सामने 5 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
सुकमा जिले में नीयद नेल्लानार और पुना मारगेम योजना से प्रेरित होकर 5 नक्सलियों ने ASP के सामने आत्मसमर्पण किया। नक्सलियों ने बताया कि वे सरकार की पुनर्वास नीतियों और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।
नारायणपुर में अबूझमाड़ से आए 8 नक्सलियों ने डाला हथियार
नारायणपुर में 4 महिला समेत 8 नक्सलियों ने एसपी रॉबिंसन गुरिया के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें प्लाटून 16 का कमांडर कमलेश और डॉक्टर टीम का सदस्य सुखलाल शामिल हैं। ये सभी नक्सली लंबे समय से अबूझमाड़ इलाके में सक्रिय थे और कई बड़ी घटनाओं में संलिप्त थे। इन पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
नारायणपुर के अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में लंबे समय से सक्रिय और कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे 8 सक्रिय माओवादियों ने नारायणपुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में चार महिला नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर शासन ने कुल मिलाकर 33 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
इन माओवादियों ने एसपी कार्यालय नारायणपुर में पुलिस अधीक्षक रॉबिंसन गुरिया, बीएसएफ और आईटीबीपी अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। समर्पण करने वालों में प्लाटून 16 के कमांडर कमलेश और माओवादी संगठन की मेडिकल टीम से जुड़े डॉक्टर सुखलाल प्रमुख नाम हैं, जो लंबे समय से अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर सक्रिय थे।
एसपी रॉबिंसन गुरिया ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान भी सुरक्षा बलों के अभियान लगातार जारी हैं और अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थापित किए गए सुरक्षा शिविरों व ऑपरेशनों की निरंतरता से माओवादियों के मनोबल पर असर पड़ा है।
पुलिस की प्रभावी रणनीति और आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। समर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिया जाएगा और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।
नक्सलवाद को करारा जवाब
राज्य के गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बस्तर में सरकार की पुनर्वास योजनाओं, विश्वास बहाली कार्यक्रमों और लगातार चल रहे ऑपरेशनों के चलते नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है। एक ही दिन में 66 नक्सलियों का आत्मसमर्पण होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अब नक्सली विचारधारा कमजोर पड़ रही है।