RAIPUR NEWS. रायपुर में अरबों की बेशकीतमी जमीन को छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताने वाले दावे को रायपुर संभागायुक्त ने खारिज कर दिया है। सालों से छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड दावा कर रहा था कि नयापारा में खसरा नंबर 689 जिसका रकबा साढ़े चार एकड़ से ज्यादा है, यह जमीन नयापारा मस्जिद की है। इस जमीन को फजले करीम का बाड़ा कहा जाता रहा है।
इस मामले में अपर कलेक्टर ने पहले ही जांच के बाद वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज कर दिया था। केस हारने के बाद वक्फ बोर्ड ने संभागायुक्त के यहां अपील की थी। इसमें दूसरा पक्ष नगर निगम था, दस्तावेजों की जांच के बाद संभागायुक्त ने नगर निगम रायपुर के पक्ष में फैसला सुनाया है।
वक्फ के दावे में मस्जिद के आसपास की जमीन, फजले करीम का बाड़ा समेत नवीन मार्केट नामक कांपलेक्स, डबरी स्कूल, मैदान, कन्या शाला, ऊर्दु स्कूल, प्राथमिक शाला, सामुदायिक शौचालय और उससे जुड़े मकान दुकान, जमीन पर मकान और भवन, बिजली आफिस, को अपनी संपत्ति बताई थी।
निगम की ओर इस मामले में साल 1920-21 और 1923-24 के दस्तावेज प्रस्तुत किए, रिकार्ड में जमीन मनुनिसिपल कमेटी और पुलिस महकमे के नाम दर्ज है। दस्तावेजों की जांच के बाद निगम को जमीन का मालिक बताया गया है। यहां बनी दुकान, मकानों, भवनों से राजस्व वसूल सकेगा, या नया निर्माण कर सकेगा। फैसले के बाद अब तक छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
वक्फ संपत्तियों का गहन निरीक्षण
बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ में वक्फ संपत्तियों की जांच प्रक्रिया तेज़ हो गई है। बीते अप्रैल महीने में ही केंद्र सरकार की एक उच्च स्तरीय 10 सदस्यीय टीम दिल्ली से सीधे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंची थी। जहां वक्फ संपत्तियों का गहन निरीक्षण शुरू किया गया। यह टीम वक्फ अधिनियम में हाल ही में किए गए संशोधनों के अनुरूप संपत्तियों की स्थिति, उपयोग और उनके रख-रखाव का आकलन किया। इस कदम को वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।