BILASPUR NEWS. अरपा नदी के उद्गम स्थल को संरक्षण के लिए दायर याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच में हुई। कोर्ट में निगम की ओर से जवाब पेश किया गया। जिससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और हाईकोर्ट ने जिम्मेदार अफसर को तलब किया है। जो यह बता सके कि वास्तव में गंदे पानी का ट्रीटमेंट किस तरह से होना है।
बता दें, अरपा नदी के उद्गम स्थल को बचाने और उसे प्रदूषण से मुक्त करने के लिए अधिवक्ता अरविंद शुक्ल और राम निवास तिवारी ने अलग-अलग जनहित याचिका दायर की है। इसमें नदी के संवर्धन और संरक्षण को लेकर चिंता जताई गई। याचिका में बताया गया कि नदी में गंदा पानी लगातार आने से वह प्रदूषित होती जा रही है। इसी तरह पेंड्रा स्थित अरपा के उद्गम स्थल का भी संरक्षण व संवर्धन आवश्यक है। इस पर पहले हुए सुनवाई में निगम प्रशासन से वाटर ट्रीटमेंट प्लान के विषय में जानकारी मांगी गई थी।
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निगम आयुक्त अमित कुमार ने एक शपथ पत्र पेश करते हुए बताया कि नदी में गंदा पानी नहीं जाए और सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट करने मंगला में दो और कोनी में एक एसटीपी प्लांट लगाया गया है। इन तीनों स्थानों पर गंदे पानी को ठीक किया जाएगा ताकि गंदा पानी नदी में नहीं जाए। इसके साथ यह भी बताया गया कि इन प्लांट्स की क्षमता अलग-अलग है जो मिलकर अपना काम करेंगे।
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इस जवाब से चीफ जस्टिस संतुष्ट नहीं हुए और अगली सुनवाई में निगम के जिम्मेदार अफसर को लेकर आने कहा। जो वास्तविक जानकारी देक बता सके की गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने की योजना क्या है। इस दौरान राज्य शासन ने भी अपना जवाब पेश किया। उन्होंने बताया कि उद्गम स्थल के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण की जानकारी दी।