BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मृत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने दायर याचिका की सुनवाई की। सुनवाई में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को उनकी योग्यता के मुताबिक अनुकंपना नियुक्ति दी जाए। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के बेंच में हुई।
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बता दें, याचिकाकर्ता खिलेश्वरी साहू, सिद्धार्थ सिंह परिहार, अश्वनी सोनवानी, त्रिवेणी यादव, बिंद्रा आदित्य के पति प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षाकर्मि के पद पर पदस्थ थे। सेवा काल के दौरान उनका निधन हो गया। मृतक के आश्रितों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। विभाग ने आवेदकों के पास बीएड, डीएड डिग्री व शिक्षक पात्रता परीक्षा पास नहीं होने के आधार पर आवेदन को निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता योगेश चंद्रा व सी जयंत सहित अन्य के माध्यम से याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने सभी मामलों को क्लब कर सुनवाई की।
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याचिका में बताया गया कि विवादित अनुकंपा नियुक्ति के मामले में निराकरण करने 13 सितंबर 2021 को कमेटी बनाई गई। आवेदक शिक्षाकर्मी पद के लिए योग्य नहीं है किंतु वे चुतर्थ श्रेणी के पद में कार्य करने के लिए तैयार है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं के पति, पिता व बड़े भाई शिक्षाकर्मी ग्रेड-1, 2 व 3 के पदों पर नियुक्त थे। सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनके आश्रितों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। याचिकाकर्ताओं के दावों पर इस आधार पर योग्यता नहीं है। सभी शिक्षकों की सेवाएं विद्यालय में समाहित कर ली गई।
शिक्षा विभाग के 30 जून 2018 को जारी एक अधिसूचना के अनुसार और वर्तमान में विभाग में शिक्षाकर्मियों के पद उपलब्ध नहीं है। यचिकाकर्ताओं ने इस पद के लिए आवश्यक योग्यता हासिल नहीं की है। शिक्षाकर्मी ग्रेड-1, 2 व 3 इसलिए उन्हें अनुकंपा नियुक्ति नहीं दिया गया। साथ ही यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति के लिए अपेक्षित योग्यता नहीं होने की बात कहीं। कोर्ट ने 2021 में बनाई गई कमेटी के मुताबिक मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति उनकी योग्यता के मुताबिक देने निर्देश जारी किया है।