RAIPUR NEWS. कांग्रेस ने राजय सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए आज पूरे प्रदेश में अलग अलग धान खरीदी केंद्रो का निरीक्षण करने पहुंची। बीजेपी सरकार का कहना है कि राज्य में 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की जा रही है। सरकार के दावे के विपरीत कांग्रेस आरोप लगा रही है की सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर पर धान नहीं खरीद रही है।
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छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी 14 नवंबर से की जा रही है। धान की खरीदी को लेकर विपक्ष लगातार सियासत कर रहा है। बीजेपी सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी की गारंटी के तहत धान खरीदी की जा रही है। वहीं कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर पर धान नहीं खरीद रही है। वहीं, प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय ने इस तरह के भ्रम फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आज कांग्रेस धान खरीदी केंद्रों में जाकर सरकार पर आरोप लगा रही है।
कांग्रेस नेताओं ने किया धान खरीदी केंद्रों का दौरा
अपने इस आऱोपों की पड़ताल करने के लिए कांग्रेस के तमाम नेता आज धान खरिदी केंद्र चलो अभियान के तहत खरीदी केंद्रों का दौरा किया और वहां पर किसानों से बात की । पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज जगदलपुर, तो पूर्व सीएम भूपेश बघेल खरोरा, पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव महासमुंद, और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने रायपुर जिले के धान खरीदी केंद्रो का दौरा किया ।
कांग्रेस के नेताओं के धान खरीदी केंद्र चलो अभियान को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि बाहर बैठकर आरोप लगाने से अच्छा है, धान खरीदी केंद्र जा रहे हैं । धान खरीदी केंद्रों में जाने के बाद उन्हे हकीकत पता चल गई होगी । वहीं कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि पिछली सरकार में कांग्रेस नेताओं को निगरानी करनी थी, आज मुद्दाविहीन कांग्रेस के पास कुछ काम बचा नहीं है। कांग्रेस नेताओं के सभी आरोप पूरी तरह गलत है ।
अब तक 20.54 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी
बता दें कि कांग्रेस सरकार में प्रति एकड़ 20 क्विंटल की दर से धान खरीदी का प्रावधान था। बीजेपी ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल और प्रति क्विंटल 3100 रुपए में धान खरीदी का वादा किया था। धान खरीदी अभियान में अब तक 20.54 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 4 लाख 36 हजार किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 4285.74 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है । धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। वहीं इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल हैं। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को एक बड़े पर्व के रुप में मनाया जाता है। एक प्रकार से कहे तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी धान खरीदी पर निर्भर है । लिहाजा छत्तीसगढ़ की सियासत में धान और किसान सबसे बड़ा मुद्दा हमेशा से रहा है । कांग्रेस लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है कि भाजपा सरकार धान खरीदी नहीं करना चाहती। कांग्रेस का आरोप है कि कई क्षेत्रों में किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी नहीं हो रही है। पूरे प्रदेश में धान खरीदी केंद्रो में अव्यवस्था की स्थिति है। सरकार ने मिलरों से जानबूझ कर अनुबंध नही किया है, जिसके कारण पूरे प्रदेश में समितियों ने धान का बंपर स्टॉक हो गया है ।