BILASPUR NEWS. शहर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा का खेल काफी समय से चल रहा है। इस पर लगातार एक्शन लेते हुए जिला प्रशासन कब्जा मुक्त कराने में लगा है। वहीं एक मामला और उजागर हुआ है। जहां पर तालाब को मिट्टी से पाटकर समतल कर कृषि भूमि की तरह उपयोग करने का पता चला है। इस पर जिला प्रशासन ने जांच कराई तो सच सामने आया। एसडीएम ने कार्रवाई करते हुए 25 हजार का जुर्माना लगाया है साथ ही तालाब को मूल रूप में लाने एक सप्ताह का समय दिया है।
बता दें, मामला सरकण्डा क्षेत्र के अशोक नगर का है। जहां पर तालाब को पाटने की जानकारी हुई। इसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने एसडीएम पीयूष तिवारी के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच के लिए कहा। टीम को जांच कर वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए कहा गया। इस पर जांच टीम ने पाया कि राजस्व विभाग की ग्राम कोनी के खसरा नंबर 126 में रिकॉर्ड में जमीन तालाब के रूप में दर्ज थी। लेकिन मौके पर तालाब की जगह समतल भूमि अधिकारियों को दिखाई दी। जांच में यह बात सामने आयी कि व्यासनारायण पांडेय और सुरेन्द्र पांडेय ने तालाब को पाटकर कृषि योग्य जमीन बना लिया है। एसडीएम ने दोनों पर 25 हजार का जुर्माना लगाया साथ ही एक हफ्ते के भीतर तालाब को उसके मूल स्वरूप में लाने की मोहलत दी है।
तालाब की भूमि को बताया अपना
जांच के दौरान जब टीम वहां पहुंची तो व्यासनारायण व सुरेन्द्र पांडेय ने एसडीएम को बताया कि यह भूमि उनके परिवार की है। ताबाल बनाया गया था लेकिन इसका सार्वजनिक उपयोग नहीं हो रहा है। इसलिए इसे समतल कर कृषि भूमि के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। बिना प्रशासन के अनुमति के इस तरह कार्य करने के लिए जुर्माना लगाया साथ ही इसे पुनः अपने स्वरूप में लाने की हिदायत भी दी है।
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कई मामले हो रहे उजागर
इस तरह सरकारी भूमि पर कब्जा करने के कई मामले इन दिनों उजागर हो रहे हैं। मामला सामने आने पर कार्रवाई भी की जा रही है। कलेक्टर इस तरह के मामलों में सख्ती बरत कर कार्रवाई करने की हिदायत अधिकारियों को भी दी है।