BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में प्रायमरी शिक्षक के तौर पर बीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति को निरस्त नहीं करने के विरोध में अवमानना याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास के बेंच में हुई। कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को नौकरी से निकाले बिना भी डीएड अभ्यर्थियों को नौकरी पर रखने का सुझाव दिया है।
बता दें, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त होने के बाद भी राज्य शासन ने इस पर कोई आदेश जारी नहीं किया है। इसके चलते बीएड डिग्रीधारी शिक्षक नियम के विरूद्ध काम कर रहे है। इस आदेश का पालन नहीं होने पर डीएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है।
इसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सरकार को ऐसा क्यों नहीं करती कि बीएड डिग्री वालों को नौक्री से निकाले बिना ही डीएलएड वालों को भी नियुक्ति दे दी जाए। कोर्ट ने कहा कि किसी की नौक्री छीनने से समस्या का समधान नहीं होगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्तों को वर्ग-2 में शिक्षक पद पर समायोजित करने का सुझाव दिया साथ ही यह भी कहा कि ये चयनित है। मिडिल स्कूल में शिक्षण की योग्यता रखते हैं और इन्हे एक वर्ष शिक्षण का अनुभव भी प्राप्त है। इसलिए इन्हें नौकरी से निकाले बिना ही इसका समाधान निकाले।
डीएलएड है प्रायमरी शिक्षक के लिए योग्यता
हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले में प्रायमरी शिक्षकों के लिए डीएलएड अभ्यर्थियों को योग्य माना है इसी वजह से यह सब समस्या भी उत्पन्न हुई है। जहां पर बीएड के बजाए डीएड के अभ्यर्थियों को लेना था वहां बीएड अभ्यर्थियों को नियुक्त किया गया। अब कोर्ट के आदेश का राज्य शासन पालन नहीं कर रही है तो डीएलएड अभ्यर्थियों द्वारा अवमानना याचिका दायर किया गया है।