NEW DELHI NEWS. केंद्र सरकार ने VIP सुरक्षा से नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को पूरी तरह से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही अत्यधिक खतरे वाले नौ वीआईपी की सुरक्षा की कमान अगले महीने से केंद्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ संभालेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में संसद की सुरक्षा जिम्मेदारी से हटाई गई विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की बटालियन को सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा विंग से संबद्ध करने का फैसला लिया है। सूत्रों का कहना है कि जेड प्लस श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा वाले नौ वीआईपी की सुरक्षा अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडो कर रहे थे।
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इन नौ वीआईपी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला और आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं। अब इनकी सुरक्षा सीआरपीएफ संभालेगी।
केंद्र के अनुसार पिछले साल सुरक्षा में चूक के बाद संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ से सीआइएसएफ को सौंपी गई थी। नौ वीआईपी में से दो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीआरपीएफ के उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) प्रोटोकॉल का भी लाभ मिलेगा। एएसएल में वीआईपी के दौरे वाले स्थान की पहले से ही टोह ली जाती है। सीआरपीएफ पांच वीआईपी के लिए ऐसा प्रोटोकाल अपनाती है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन नेता सोनिया, राहुल और प्रियंका शामिल हैं।
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केंद्र ने एनएसजी को पुनर्गठित करने और अयोध्या में राम मंदिर के पास व देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों के आसपास कमांडो की ‘स्ट्राइक टीमों’ को तैनात करने का फैसला किया है। बता दें कि वीआईपी सुरक्षा कार्यों से एनएसजी को मुक्त करने की योजना 2012 से बन रही है। इस निर्णय पर विचार तब शुरू हुआ था जब एनएसजी कमांडो ने आशंका जताई थी कि देश के कई केंद्रों पर एक साथ आतंकी हमले हो सकते हैं और कमांडो को अलग-अलग दिशाओं में भेजा जाना होगा।
जानिए कौन देता है Z+ सिक्योरिटी?
पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर दे रही हैं। इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं। हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा NSG के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से Z+ सिक्योरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी हैं, उसे देखते हुए CISF को भी यह काम सौंपा जा रहा है।