BILASPUR NEWS. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शराब घोटाला मामले में आरोपी अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की जमान याचिका को खारिज कर दिया गया है। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा दोनों पर गंभीर आरोप है। राज्य के साथ सीधा छल किया है। ऐसे में इन्हें रिहाई नहीं दे सकते।
बता दें, प्रदेश में 2200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में आबकारी विभाग के निलंबित अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इसके जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने माना कि दोनों आवेदका के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और आरोप बहुत ही गंभीर है। इसलिए इन्हे जमानत पर रिहा करने का आदेश देना उचित नहीं है। राज्य की ओर से महेश जेठमलानी के साथ अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा उपस्थित थे।
कोर्ट ने दोनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया है। राज्य ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट में तर्क दिया था गंभीर आर्थिक अपराध है राज्य के साथ सीधा छल है। सरकारी रेवेन्यू सरकार के खजाने में जमा होने के बजजाए सिंडिकेट की जेब में गया। यह एक संगठित अपराध गिरोह है।
2200 करोड़ के घोटाला का है आरोप
ईडी ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने बताया था कि साल 2019 से 2022 तक 2200 करोड़ का अवैध धन शराब के काम से उपत्न्न किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के माध्यम से खपाया। ईडी की ओर से यह भी कहा गया कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी राशि अपने पॉलिटिकल मास्टर्स को दी है।