BILASPUR. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार पर कांग्रेस और एनएसयूआई ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों संगठनों का दावा है कि वर्तमान सरकार अन्याय के खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है और इस दिशा में सरकार की नीतियां लगातार कठोर होती जा रही है। हाल ही में हुई घटनों ने इस आरोप को और मजबूती दी है। जहां आवाज उठाने वाले लोगों को दमन और कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है।
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बता दें, मस्तूरी क्षेत्र के पचपेड़ी स्थित आवासीय छात्रावास के छात्राओं ने अधीक्षिका के खिलाफ चक्काजाम के मामले में एनएसयूआई के छात्र नेताओं पर एफआईआर दर्ज होने पर कांग्रेस व एनएसयूआई ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर साय सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए है। इतना ही नहीं उन्होंने सरकार की नीतियों को गलत बाते हुए दमनकारी बताया है। कांग्रेस से अभय नारायण राय व एनएसयूआई से मणी वैष्णव ने पत्रकारों से चर्चा की।
उन्होंने कई मुद्दों व मामलों में साय सरकार को गलत ठहराया है। कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव को सतनामी समाज के अधिकारों के लिए आवाज उठाने पर उन्हें सरकार की आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए आदिवासी समुदाय ने जो आंदोलन किया उस पर भी दमनकारी नीतियों का इस्तेमाल किया गया।
इन घटनाओं से यह साफ होता है कि साय सरकार आलोचना को सहन नहीं कर रही और लोगों को डराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पचपेड़ी छात्रावास में खराब भोजन की शिकायत करने पर अधीक्षिका द्वारा बच्चियों को धमकियां दी गई। जब छात्राओं ने इसके खिलाफ विरोध किया तो तहसीलदार ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी।
एनएसयूआई के छात्र नेता राहुल हंसपाल जब इस मामले को संज्ञान में लेकर छात्रों का समर्थन करने पहुंचे तो उनके खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज कर दी गई। छात्राओं के विरोध के बाद तहसीलदार और अधीक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्यवाही की। इस घटना के बाद छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित कर दिया गया लेकिन इसके तुरंत बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। उन्हें घंटों थाने में बिठाने के बाद मुचलके पर रिहा किया गया।