DURG. भारती विश्वविद्यालय दुर्ग के विधि विभाग एवं आईक्यूएसी सेल के संयुक्त तत्वावधान में बौद्धिक संपदा अधिकार एवं नवाचार विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉक्टर रमेश चंद्र पंाडा ने बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। साथ ही उन्होंने फाइल पेटेंट करने से लेकर अवार्ड होने तक की प्रक्रिया को समझाया।
बता दें, भारती विश्वविद्यालय दुर्ग में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से बच्चों को विभिन्न पहलुओं के विषय में विस्तार से बताया गया। मुख्य वक्ता चीफ साइंटिस्ट वेग्रो प्राइवेट लिमिटेड डॉ.रमेश चंद्र पांडा ने शोध से जुड़े लगभग हर एक पहलु को बताया। कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि कार्यशाला का विषय बहुत ही प्रासंगिक है।
इससे प्राध्यापकों को काफी लाभ होगा। कार्यक्रम के शुरुआत में डीन डॉ.आलोक भट्ट ने स्वागत भाषण देते हुए अकादमिक स्वागत किया। साथ ही विश्वविद्यालय में संचालित कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से बताया।
संचालन डॉ.निमिषा मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ.वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकार, डॉ.नम्रता गेन, विधि संकाय के डीन डॉ.शोभा सिंह ठाकुर, डॉ.प्रतिभा कुरूप, डॉ.स्वाती पांडेय, डॉ.मनोज कुमार मौर्या, डॉ.अजय सिंह, डॉ.गिरजा शंकर पटेल, डॉ. गुरुशरण लाल, स्वेता सिंह, डॉ.राजश्री नायडु, डॉ.संदीप माणिकपुरी सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक उपस्थित थे।