BILASPUR. जेल में अपराधी को अपने किए पर ग्लानी हो पश्चाताप हो यह सोचकर सजा दी जाती है लेकिन कुछ अपराधी जेल में जाने के बाद भी पश्चाताप नहीं करते बल्कि वहां चोरी के नए तरीके सीखकर बाहर आते हैं। तारबाहर पुलिस ने ऐसे ही एक अपराधी को गिरफ्तार किया है। जो एटीएम में पट्टी फंसाकर रुपये चोरी करता था। जब पुलिस ने उससे इसके बारे में पूछा तो उसने जेल में चोरी के इस तरीके को सिखना बताया।
बता दें, तारबाहर पुलिस ने एटीएम में पट्टी फंसाकर पैसा चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि ट्रांजेक्शन सोल्युशन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जो एसबीआई एटीएम का रख रखाव एवं मेंटनेंस का कार्य करती है। उसके सुपरवाइजर ने थाने में आकर सूचना दी कि 21 जुलाई को सुबह 9 बजे काल सेंटर से पता चला कि व्यापार विहार स्थित एटीएम मशीन में पैसा नहीं निकल रहा है।
वहां जाकर चेक करने पर रुपये निकालने वाला सटर डैमेज था। एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया गया। कैमरे में एक व्यक्ति एटीएम के सटर बाक्स में लगे सटर को स्क्रूड्राइवर से उठाकर एक पट्टी लगाते दिखाई दिया। उसके बाद सत्यम चौक, लिंक रोड एटीएम व गोलबाजार एटीएम में भी इसी तरह कि समस्या होना पता चला। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान कर उसकी तलाश शुरू की। इस पर जानकारी मिली की आरोपी रेलवे स्टेशन में है वह भागने के फिराक में था। संदेह के आधार पर उसे पुलिस ने हिरासत में लिया। तारबाहर थाने लाकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूला।
जेल में सीखा चोरी का तरीका
आरोपी बहादुर चौकीदार ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि उसने पहले भी एटीएम में चोरी करने का प्रयास किया था। राजस्थान में वर्ष 2015 में अपने अन्य दोस्तों के साथ एटीएम मशीन तोड़ने का प्रयास किया था। पकड़े जाने पर तीन साल की सजा हुई। जेल से निकलने के बाद वर्ष 2020 में साथियों के साथ एक बार फिर एटीएम तोड़ने का प्रयास किया। फिर जेल गया वहां पर जेल में अपने एक दोस्त से एटीएम से पट्टी फंसाकर रुपये निकालने का तरीका सीखा और अब अकेले ही यह काम करता है। उसके पास से स्क्रूड्राइवर व पट्टी नगद 33000 रुपये बरामद किया गया।
चोरी के बाद हो जाता था फरार
आरोपी ने बताया कि वह 19 जुलाई को उज्जैन से जबलपुर आया तथा जबलपुर से ट्रेन बैठकर 21 जुलाई को बिलासपुर पहुंचा था। बिलासपुर में पहली बार आना बताया। घटना को अंजाम देकर वह आरोपी फरार हो जाता था। यदि वह पकड़ा न जाता तो प्रदेश के अलग-अलग शहरों में इसी तरह से चोरी को अंजाम देता।