BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सिम्स की अव्यवस्था व बदहाली को देखते हुए कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की सुनवाई शुरू कर दी थी। इसकी सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के बेंच में हुई। इस दौरान न्यायमित्र ने कोर्ट को कोविड के लिए बनाए गए आईसीयू का उपयोग करने की सलाह दी। कोर्ट ने इस पर जानकारी ली। मामले को एजी पर छोड़ा गया। राज्य शासन ने कोविड आईसीयू को केन्द्र सरकार का बताते हुए इस पर चर्चा करने की बात कही।
बता दें, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सिम्स की बदहाली को दूर करने का प्रयास करते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की। इस दौरान सिम्स में ओएसडी नियुक्त कर बदलाही को दूर करने का प्रयास किया गया। इतना ही नहीं वहां पर बंद मशीनों को रिपेयर कराने और साफ-सफाई पर भी ध्यानाकर्षित कराया।
लेकिन इन सब के बाद भी व्यवस्था में ज्यादा कुछ परिवर्तन नहीं हुआ। इसी मामले में पुनः सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस के सामने कलेक्टर की ओर से महाधिवक्ता ने शपथ पत्र पेश कर अब तक हुए प्रगति की जानकारी दी।
वहीं तर्क के दौरान न्यायमित्र ने कोविड आईसीयू के बंद होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में 10 बेड कोविड आईसीयू बनाया गया है। वर्तमान में कोविड नहीं है। ऐसे में इस कोविड आईसीयू को अन्य मरीजों के लिए खोला जाना चाहिए।
एजी से पूछा कोर्ट ने
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि कोविड आईसीयू में रखे इक्यूपमेंट रखे-रखे खराब हो सकता है। ऐसे में फिलहाल कोविड नहीं है तो अन्य मरीज के लिए क्यों नहीं खोला जा रहा है। इस पर एजी ने कहा कि कोविड आईसीयू केन्द्र सरकार की गाइड लाइन पर बना है। इस पर राज्य शासन का कुछ नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस पर हम कोई आदेश नहीं कर रहे हैं लेकिन आगे इस संबंध में आप उनसे अपने स्तर पर चर्चा कर सकते हैं।