BILASPUR. जिले में मलेरिया व डायरिया के प्रकोप के दौरान झोला छाप डॉक्टरों के उपचार से 4 लोगों को जान गवानी पड़ी थी। इससे प्रशासन ने झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला कलेक्टर के आदेश पर लगातार जिले भर के झोला छाप डॉक्टरों के क्लीनिक पहुंचकर डॉक्यूमेंट की जांच की जा रही है। अवैध होने पर सील किया जा रहा है। अब तक 45 क्लीनिक को सील किया जा चुका है।
बता दें, जिले में बीते दिनों चार मासूमों की मौत झोला छाप डॉक्टरों की दवा खाने से हुई थी। यदि बच्चों को सही उपचार व दवा मिलती तो आज वे जिंदा होते। जिला कलेक्टर अवनीश शरण ने इसके बाद से ही झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक की जांच कर उन पर कार्रवाई के निर्देश दिए है।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी मासूम के जान के साथ खिलवाड़ करना बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में राजस्व विभाग व डॉक्टरों की टीम जांच कर रही है।
पोस्टमार्टम से बात आयी सामने
टेंगनमाड़ा क्षेत्र में 2 सगे भाईयों की मौत मलेरिया के वजह से मानी जा रही थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि बच्चों को मलेरिया ही नहीं था गलत दवाई के चलते बच्चों की जान गई।
मेडिकल में संचालित था क्लीनिक
जांच के दौरान टीम को दो ऐसे मेडिकल दुकान मिले जहां पर मेडिकल की आड़ में पीछे क्लीनिक संचालित किया जा रहा था। ढेरों एलोपैथिक दवाईयां मिली। जांच के दौरान उन्हें सील किया गया। इसके अलावा अब तक बिल्हा क्षेत्र में 17, कोटा में 12, तखतपुर और बिलासपुर में 8-8 फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।