RAIPUR. बलौदबाजार हिंसा मामले में राज्य सरकार लगातार सख्त रुख अपना रही है। इस बीच, इस मामले में सीएम विष्णुदेव सरकार के निर्देश के बाद गुरुवार की देर रात दो आदेश जारी किए। पहला-हटाए गए कलेक्टर-एसपी को सस्पेंड कर दिया गया है। दूसरा-इस मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है, जो 3 महीने के भीतर रिपोर्ट देगी।
दरअसल, इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी रहे सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया है। बता दें कि बुधवार को ही कलेक्टर और एसएसपी का तबादला कर दिया था। बताया जा रहा है कि घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने निलंबन की कार्रवाई की है। इससे पहले दोपहर में कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच टीम घटना स्थल पर पहुंची। इस दौरान टीम के संयोजक और पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि, जैतखाम को क्षतिग्रस्त किया गया, तब FIR भी नहीं हुई।
जारी आदेश में अवर सचिव अन्वेष धृतलहरे ने कहा है कि सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति की घटना के संबंध में मिली शिकायतों पर कलेक्टर ने उचित कार्रवाई नहीं की। इस वजह से आईएएस चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन है। इसलिए राज्य शासन ने चौहान व कुमार को निलंबित करने का फैसला किया है। निलंबन की अवधि में चौहान का मुख्यालय मंत्रालय रहेगा। इसी तरह निलंबन के दौरान कुमार पीएचक्यू में अटैच रहेंगे।
राज्य शासन ने गिरौधपुरी धाम के ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा में जैतखाम की क्षति ग्रस्त होने की घटना को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश को जांच अधिकारी नियुक्त किया है l 6 बिन्दुओं पर जांच के लिए एकल सदस्यीय न्यायिक जांच का आदेश जारी किया गया है l छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी की एकल सदस्यीय टीम इस घटना की जांच कर 3 माह के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को देंगे l
इन बिंदुओं पर की जाएगी जांच
- 15 व 16 मई 2024 की मध्यरात्रि को जिला बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम महकोनी, अमरगुफा में स्थित जैतखाम को क्षत्रिग्रस्त किए जाने संबंधी घटना कैसे घटित हुई।
- वह कौन सी परिस्थितियाँ थी अथवा कौन से कारण थे, जिनके फलस्वरूप घटना घटित हुई।
- उक्त घटना हेतु कौन-कौन व्यक्ति जिम्मेदार हैं।
- घटना के पूर्व, घटना के दौरान एवं घटना के उपरांत ऐसे अन्य मुद्दे, जो घटना से संबंधित हो ।
- भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इस हेतु सुरक्षा एवं प्रशासकीय कदम उठाये जाने के संबंध में सुझाव एवं उपाय ।
- अन्य ऐसे महत्वपूर्ण बिन्दु जो जॉच आयोग शासन के संज्ञान में लाना चाहे।