RAIGARH. रायगढ़ लोकसभा सीट में इस बार भाजपा ने जीत का सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस सीट पर भाजपा ने 2 लाख 40 हजार 391 वोटों से जीत हासिल की है। खास बात यह है कि इस चुनाव में भाजपा सभी आठों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस से आगे रही है। ऐसे में बीजेपी जीत के बाद काफी उत्साहित है, तो वहीं कांग्रेस हार के कारणों की समीक्षा की बात कह रही है।
इसके पहले सीएम कम विष्णु देव साय ने साल 2014 में 2 लाख 16 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। इस रिकार्ड को तोड़ते हुए राठिया 2 लाख 41 हजार वोटो से विजयी हुए हैं। इतना ही नहीं राठिया ने सभी आठों विधानसभा सीटों में शानदार लीड दर्ज कराई है। विधानसभावार जो आंकड़े सामने आए हैं उसके मुताबिक भाजपा को पूरी लोकसभा सीट में सबसे अधिक रायगढ़ विधानसभा से 68824 वोटों की लीड मिली है। इसके अलावा जशपुर में 43121, कुनकुरी में 39867, लैलूंगा में 34495, धर्मजयगढ़ से 21730, सारंगढ़ से 16 हजार 459 वोटों से जीत हासिल की है। इसके अलावा कांग्रेस के मजबूत और अभेद्य गढ़ खरसिया में भी बीजेपी को इस बार 16643 वोटों से लीड मिली है।
नतीजे आने के बाद भाजपा जहां उत्साहित है, तो वहीं कांग्रेस हार की समीक्षा की बात कह रही है। भाजपा का कहना है कि पूरे देश में मोदी की लहर थी और लोगों ने विष्णु के सुशासन पर भी भरोसा जताया है। नतीजे भाजपा के पक्ष में आए हैं। अब भाजपा विकास के लिए कृत संकल्पित होकर काम करेगी।
इधर मामले में राजनीतिक विश्लेषकों की अपनी ही राय है। जानकारों का कहना है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपेक्षाकृत कम मेहनत की। प्रत्याशी चयन में भी त्रुटि रही। नतीजन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति खराब रही। कांग्रेस को हार के कारणों को जानने चिंतन की जरूरत है।
इधर कांग्रेस संगठन भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि आठों विधानसभा सीटों में हार कांग्रेस के लिए अप्रत्याशित है और इसके चिंतन की जरूरत है। कांग्रेस नेता अनिल शुक्ला का कहना है कि पार्टी ने पूरी शिद्दत से मेहनत की फिर भी कहां कमी रह गई? पार्टी इसका चिंतन करेगी। कांग्रेस संगठन ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जल्द ही बैठक बुलाई है। जिसमें हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। कांग्रेस मजबूत विपक्ष के रूप में काम करने के लिए तैयार है।