RAIPUR. छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के ट्रांसफार्मर स्टोर में हुए भीषण आगजनी के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिला है। फुटेज में पुलिस को शरारती तत्वों का हाथ नहीं दिख रहा है। इससे स्पष्ट है कि आग किसी के द्वारा लगाई नहीं गई है। हालांकि अफसरों का कहना है कि वहां शार्ट-सर्किट की भी संभावना नहीं है, क्योंकि बिजली की सप्लाई नहीं है।
वहीं, इस अग्निकांड के कारण का पता लगाने के लिए 6 अफसरों की उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी सप्ताहभर में जांच कर िरपोर्ट सौंपेगी। पावर कंपनी की ओर से जारी आदेश के अनुसार कमेटी को पांच बिंदुओं पर जांच करनी है। इसमें घटना के पीछे कोई साजिश तो नहीं? अगर लापरवाही है तो कौन जिम्मेदार? इस एंगल से भी जांच की जाएगी।
जांच के लिए बनाई गई कमेटी में चार कार्यपालक निदेशक भीम सिंह कंवर, संदीप वर्मा, यशवंत शिलेदार और गोपाल मूर्ति हैं। इसके अलावा एक मुख्य सुरक्षा अधिकारी ए. श्रीनिवास और एक अधीक्षण अभियंता डीडी चौधरी को भी इसमें शामिल किया गया है। कमेटी जांच कर एक सप्ताह के भीतर इसकी रिपोर्ट कार्यपालक निदेशक रायपुर को देनी होगी।
बता दें कि बिजली कंपनी के स्टोर में रखे हुए चार हजार से ज्यादा ट्रांसफार्मर जलकर खाक हो गए। स्टोर में ट्रांसफार्मर के अलावा पावर केबल, मीटर और अन्य उपकरण भी रखे हुए थे। कंपनी को करीब 150 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जांच कमेटी पांच बिंदुओं में जांच करेगी। इसमें ट्रांसफार्मर के डिपो में आग कैसे लगी?
अग्निकांड अगर साजिश है तो इसके पीछे कौन? अगर ये लापवाही का नतीजा है तो जिम्मेदार कौन-कौन? अधिकारी, कर्मचारी व एजेंसी में किसकी भूमिका कितनी? अग्निकांड से कंपनी को कितना आर्थिक नुकसान और कितनी भौतिक क्षति? भंडारगृह के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तथा भविष्य में इस तरह की दुर्घटना की रोकथाम के लिए सुझाव को शामिल किया गया है।