BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपित की जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जमानत के लिए स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के जमानत को खारिज कर दिया। कोर्ट ने फैसले में कहा कि अपराध की प्रकृति, गंभीरता को देखते हुए अकबर खान को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। जहां तक आरोपित के स्वास्थ्य को लेकर सावाल है तो केन्द्रीय जेल में उसे इसकी सुविधा दी जा रही है।
बता दें, शहर के कारोबारी रज्जब अली को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अपराध दर्ज होने के बाद आरोपित अकबर खान काफी समय से फरार था।
अकबर ईद मनाने के लिए अपने घर पर बुर्का पहनकर पहुंचा था। इसकी सूचना सरकण्डा थाना को हुई। पुसिल ने आरोपित के घर पर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद आरोपित ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि आरोपित आदतन बदमाश है आरोपित का अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है।
आरोपित को जमानत का लाभ देने पर गवाहों को डराने धमकाने की संभावना है।
इस मामले में हुई है गिरफ्तारी
आरोपित अकबर खान पर धारा 306, 34 का अभियोग है कि उसके द्वारा अन्य सह अभियुक्त तैय्यब हुसैन के साथ मिलकर मृतक रज्जब अली को जमीन व दुकान को खाली कराने की बात पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
प्रताड़ना से परेशान होकर मृतक रज्जब अली ने चांटीडीह स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उक्त घटना के आधार पर आवेदक एवं अन्य आरोपी के विरूद्ध धारा 306, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।