NEW DELHI. देशभर में इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) की चर्चा जोरों पर है। अब इस पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 11 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड केस Electoral Bond Case में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को जमकर फटकार लगाई।
दरअसल, सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई दौरान न सिर्फ SBI का आवेदन खारिज कर दिया बल्कि कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर कल यानी 12 मार्च 2024 तक उसे बैंक की ओर से डिटेल नहीं दी गई तो देश की सबसे बड़ी अदालत उसके खिलाफ अवमानना का केस चलाएगी।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट से SBI ने कहा कि कैश कराने वाले की जानकारी भी अलग से रखी है। दोनों को मिलाना कठिन है। 22 हजार से अधिक चुनावी बॉन्ड साल 2019 से 2024 के बीच खरीदे गए। 2 सेट्स में आंकड़े होने के चलते कुल आंकड़ा 44 हजार से अधिक है, ऐसे में उसके मिलान में समय लगेगा।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हम SBI का आवेदन खारिज कर रहे हैं। कल यानी 12 मार्च तक आंकड़ा दे दें, जबकि चुनाव आयोग 15 मार्च, 2024 तक उसे प्रकाशित करे। हम अभी SBI पर अवमानना की कार्रवाई नहीं कर रहे है, लेकिन अब पालन नहीं किया तो अवमानना का मुकदमा चलाएंगे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में SBI की 1 याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें बैंक की ओर से इस पीटिशन में राजनीतिक दलों की ओर से भुनाए गए हर चुनावी बॉण्ड के डिटेल का खुलासा करने के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को राजनीतिक फंडिंग के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- यह स्कीम असंवैधानिक है। बॉन्ड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है। यह स्कीम सूचना के अधिकार का उल्लंघन है।