PENDRA. महतारी वंदन योजना को लेकर एक बड़ा ही रोचक मामला सामने आया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ की यह सरकारी योजना छत्तीसगढ़ की महतारी यानि महिलाओं के लिए सरकार ने लांच किया है। जिससे कि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें उनका उत्थान हो सकें लेकिन हद तो तब हो गई जब एक पुरुष ने भी इस योजना का फॉर्म भरकर उसे जमा करने पहुंच गया।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना के तहत पेंड्रा में उस वक्त एक अनोखा मामला सामने आ गया। जब अधिकारी कर्मचारी भरवा तो रहे थे महतारियों से इस योजना का फार्म, लेकिन तिलोरा गांव में एक आवेदन ऐसा आया जोकि किसी महतारी का नहीं बल्कि पुरूष का था।

दरअसल गांव के रहने वाले कमल सिंह कंवर ने महतारी वंदन योजना के लिये आवेदन जब दिया तो पहले तो लोगों ने समझाया कि ये आवेदन नहीं लिया जा सकता। पर कमल सिंह की जिद के आगे स्थानीय कर्मचारियों को तो आवेदन लेना पड़ा।

कमल सिंह का दावा था कि उसके घर में कोई महिला नहीं है और परिवार का राशन कार्ड भी महिला के नहीं होने के कारण मुखिया के रूप में उसके नाम पर ही राशन कार्ड भी है तो ऐसे में महतारी वंदन योजना का लाभ उसको मिलना चाहिये।

कमलसिंह का यह भी दावा है कि यदि घर में कोई महिला होती तो उसको इस योजना का लाभ मिलता ही। ऐसे में इस योजना का लाभ अब उसको मिलना चाहिये। कमलसिंह के आवेदन को साफ्टवेयर ने ही नहीं लिया और अधिकारियों ने भी इस आवेदन को सिरे से खारिज कर दिया।

अधिकारियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि योजना के नियम और शर्तों में केवल 21 साल से अधिक महिलाओं को इस योजना का पात्र माना गया है किसी पुरूष को इसका लाभ नहीं मिल सकता है। ऐसे में कमल सिंह का फार्म रिजेक्ट कर दिया गया है।

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कई स्थानों पर ऐसे ही कुछ और लोगों ने भी आवेदन किया था जिसको शिविर स्थल पर ही अस्वीकार कर दिया गया है। जबकि फार्म नहीं लेने पर ग्रामीणों से नोंकझोंक की स्थिति भी बन रही है, पर महतारी वंदन योजना का लाभ लेने के लिये पुरूषों की दिलचस्पी अब प्रशासनिक महकमे को चिंता में डाल रही है।