RAIPUR. देश में लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत पढ़ाई-परीक्षा में तरह-तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। यह नीति कई कॉलेजों में भी लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में भी लागू किया जा सकता है।
यह व्यवस्था अगले सत्र यानी 2024-25 से लाई जाएगी। इसके अनुसार एग्रीकल्चर की पढ़ाई में मल्टीपल एंट्री एवं मल्टीपल एक्जिट का फार्मूला लागू होगा। यानी ग्रेजुएशन के छात्र यदि एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ देते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब छत्तीसगढ़ बोर्ड की परीक्षाएं भी दो चरणों में कराने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार इस नए सिस्टम से छात्रों को फायदा होगा। ग्रेजुएशन के वर्तमान कोर्स के अनुसार प्रवेश लेने वाले छात्र किन्हीं वजहों से बीच में पढ़ाई छोड़ते हैं तो उन्हें कोई सर्टिफिकेट नहीं मिलता है। एनईपी में न सिर्फ बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले को सर्टिफिकेट मिलेगा(
इसके बाद बल्कि बाद में कोर्स पूरा करने के लिए भी अवसर दिया जाएगा। दो वर्ष बाद पढ़ाई छोड़ने वाले को डिप्लोमा तथा पूरा कोर्स करने वाले छात्रों को डिग्री दी जाएगी।
उधर, कृषि विवि में NEP-2020 के क्रियान्वयन को लेकर बैठक हुई। इस संबंध में विवि के अधिकारियों का कहना है कि एनईपी में मल्टीपल एंट्री एवं मल्टीपल एक्जिट के अलावा अन्य प्रावधान भी ऐसे हैं जिसका फायदा छात्रों को मिलेगा।
कृषि विवि में हुई बैठक में NEP के अलावा कृषि शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए कौशल तथा उद्यमिता विकास एवं बाजार मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम शामिल करने पर जोर दिया गया।
गौरतलब है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से देश के कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं, इसे लेकर ही प्रदेश के कृषि विवि में तैयारी की जा रही है।