RAIPUR. अयोध्या में हो रहे श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सुबह से रायपुर समेत पूरा छत्तीसगढ़ राममय हो गया है। रायपुर के तेलीबांधा स्थित राममंदिर में प्रभु श्री रामलला के दर्शन के लिए सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। वहीं अलग-अलग मोहल्लों में शोभायात्रा निकाली गई। अयोध्या में प्रभु श्री रामलला के स्वागत के अवसर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज छत्तीसगढ़ के पवित्र शिवरीनारायण धाम पहुंचे हैं।
शिवरीनारायण से सीएम साय ने वर्चुअल माध्यम से श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखा। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, गौसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, सांसद गुहाराम अजगले सहित अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के विलक्षण पल के हजारों लोग साक्षी बने।
श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर शिवरीनारायण मंदिर में आकर्षक साज-सज्जा की गई है। मंदिर को फूल मालाओं, रंग बिरंगी लाइट्स से सजाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस दौरान मठ मंदिर भी पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने गौ माता को चारा खिलाया और उनका आशीर्वाद लिया। इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रायपुर के श्री दूधाधारी मठ पहुंचे। मुख्यमंत्री साय ने मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम, माता जानकी, भगवान श्रीलक्ष्मण, श्रीसंकट मोचन हनुमान जी, स्वामी बाला जी भगवान की पूजा अर्चना की।
इसके अलावा राजधानी के समता कॉलोनी अग्रसेन चौक से निकाली गई शोभायात्रा में अयोध्या मंदिर की झांकी के साथ श्रीराम, जानकी, लक्ष्मण, हनुमानजी का भेष धारण किए बच्चे, युवतियां आकर्षण का केंद्र रहे। रामायण की चौपाईयां चौक, चौराहों पर गूंज उठी। धुप्पड़ पेट्रोल पंप के पास रामजी का झूला सजाया गया है। महाभण्डारे की तैयारियां के साथ प्रसादी का वितरण किया जा रहा है।
श्रीराम के ननिहाल में उत्सव का माहौल
अयोध्या की तरह प्रभु श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में रामलला के विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा को लेकर उत्सव का वातावरण है। उत्तर में सरगुजा से लेकर दक्षिण के बस्तर तक जगह-जगह भक्ति-भाव से आयोजन किए जा रहे हैं। सोमवार को राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई शहरों में कहीं लाखों तो कहीं हजारों दीपक प्रज्जवलित किए जाने की तैयारी है। गली, मोहल्लों से लेकर बाजार-घाट सब के सब भगवा पताकाओं से सुसज्जित हैं। देवालयों में साफ-सफाई के बाद सोमवार को धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ही भंडारों का आयोजन किया गया है।