RAJNANDGAON. भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र के अनुरूप 21 क्विंटल धान नहीं बेच पाने का आरोप लगाते हुए कुछ किसानों ने राजनांदगांव कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि 20 क्विंटल धान बेच चुके किसानों से अब एक क्विंटल अतिरिक्त धन नहीं लिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में एक नवंबर से 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। एक नवम्बर से प्रति एकड़ 20 क्विंटल के मान से धान खरीदी की गई। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों से 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा किया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद 20 क्विंटल धान बेच चुके किसान अब एक क्विंटल अतिरिक्त धान बेचने की आस लगाए थे। लेकिन उनकी धान नहीं लिए जाने का आरोप कुछ किसानों ने लगाते हुए बुधवार को राजनांदगांव कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है।
कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे किसानों ने कहा कि उन्हें तीन टोकन देकर 20 क्विंटल धान नियमानुसार खरीद लिया गया था। लेकिन भाजपा के घोषणा पत्र के अनुसार 21 क्विंटल धान लिया जाना है। अब एक क्विंटल धान बेचने वे टोकन मांग रहे हैं तो समिति प्रबंधक द्वारा टोकन नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से वह अपने धन की उपज घोषणा पत्र के अनुरूप 21 क्विंटल नहीं बेच पा रहे हैं। किसानों ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा है कि घोषणा पत्र के अनुसार 21 क्विंटल धान किसानों से लिया जाना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में 21 क्विंटल धान खरीदी प्रति एकड़ किया जाना निर्धारित किया गया था। जिसका आदेश प्रदेश सरकार ने 20 दिसंबर को जारी कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद किसानों का आरोप है कि 20 क्विंटल धान बेचने के बाद एक क्विंटल अतिरिक्त धन घोषणा पत्र के अनुरूप नहीं लिया जा रहा है। किसानों ने कलेक्टर के माध्यम से प्रदेश सरकार से मांग की है कि घोषणा पत्र के अनुरूप किसानों से पूरे 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाए।