RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भरोसे की सरकार ढह गई और भारतीय जनता पार्टी को ऐतिहासिक जनादेश मिला है। 2018 के बाद 71 विधायकों तक पहुंचने वाली कांग्रेस पार्टी 2023 के चुनाव में 35 सीटों पर सिमट गई है। रायपुर से लेकर नई दिल्ली तक हार की समीक्षा हो रही है। हारे प्रत्याशी और पूर्व विधायक दिग्गज नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। प्रदेश प्रभारी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह के बयान के प्रदेश की सियासत गरमा गई है। उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग उठने लगी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र भी लिख दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में प्रदेश महामंत्री कन्हैया अग्रवाल ने कहा, बृहस्पत सिंह प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव पर मनगढ़ंत और झूठा आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले भी वे टीएस सिंहदेव पर हत्या का प्रयास करने जैसे गंभीर आरोप लगा चुके हैं, लेकिन उस दौरान उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। कन्हैया अग्रवाल ने वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाने वाले बृहस्पत सिंह पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। बता दें कन्हैया अग्रवाल रायपुर दक्षिण से कांग्रेस के दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था। चुनाव के दौरान कन्हैया अग्रवाल के समर्थकों ने कांग्रेस भवन में टिकट की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया था।
बृहस्पत सिंह ने सैलजा पर लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी से कुमारी सैलजा को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा, टीएस सिंहदेव को सैलजा हीरो की तरह प्रमोट करती रहीं। सैलजा ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कभी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि क्या चल रहा है। इसलिए कांग्रेस की ऐसी दशा हुई है। कुमारी सैलजा प्रभावशील नेताओं के हाथों बिक गई थीं। टीएस सिंहदेव को हीरो की तरह प्रमोट कर रही थी। कुमारी सैलजा को जल्द हटाया जाए।
जयसिंह ने भूपेश पर फोड़ा हार का ठीकरा
इधर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी पूर्व सीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, मंत्रियों को पावर ही नहीं दिया गया। पावर को सेंट्रलाइज्ड कर दिया गया था। सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। उन्ही की गलत नीतियां हार की असली वजह है। उन्होंने हार के लिए आईएएस और आईपीएस अफसरों पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 2018 में जनता ने जो जनादेश दिया, हम उसका सम्मान नहीं कर पाए। सरकार चलाने का तरीका एक ही स्थान पर केंद्रीय हो गया। मंत्रियों को जो अधिकार मिलना था, वह नहीं मिल पाया।