RAIPUR. छत्तीसगढ़ में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इससे पहले प्रशासन ने नई व्यवस्था बना दी है। इसके मुताबिक जिन अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी वोटों की गिनती के लिए लगाई जाएगी उनके नाम तय हो रहे हैं, उनका प्रशिक्षण भी जल्द शुरू हो जाएगा। जिनकी ड्यूटी लगेगी उन्हें मतगणना स्थल के साथ ही कलेक्टोरेट में ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाएगा।
इसके साथ ही प्रशासन ने सभी उम्मीदवारों से भी कह दिया है कि मतगणना के लिए जिन एजेंटों को नियुक्त करना है उसके लिए तीन पहले ही आवेदन देना होगा। उनके नाम, फोटो, आधार कार्ड की फोटो कॉपी के साथ आवेदन करना होगा ताकि उनका प्रवेश पास तैयार किया जा सके। मतगणना स्थल पर केवल वही लोग जा सकेंगे, जिनके पास आयोग की ओर जारी होंगे। इसके अलावा किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही इस व्यवस्था का पालन नहीं करने पर ही अंदर जाने की मनाही रहेगी।
एक टेबल के लिए एक ही एजेंट होगा
आयोग के मुताबिक सभी उम्मीदवार एक टेबल के लिए एक एजेंट नियुक्त कर सकता है। इसके अलावा डाक मतपत्रों के लिए एक एजेंट की नियुक्ति की जा सकती है। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम में दर्ज वोटों को गिना जाएगा। अफसरों के अनुसार 21, 23 और 25 नवंबर को जिम्मेदार अफसरों को सबसे पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना सहायक और माइक्रो ऑब्जर्वर शामिल होंगे।
जिन कर्मचारियों ने डाक मतपत्र का उपयोग नहीं किया वे तुरंत जमा करें
वहीं, दूसरी ओर डाक मतपत्र को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। विधानसभा चुनाव में 1.20 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, इसमें से आयोग को अब तक 90,915 सरकारी कर्मचारियों के डाक मतपत्र मिले हैं। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 74,169 डाक मतपत्र ही मिले थे। सीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 22 हजार कर्मचारी जो रिजर्व में थे और चुनाव ड्यूटी कटवा चुके थे, उन्होंने भी दूसरे कर्मचारियों की तरह सुविधा केंद्रों में मतदान किया। जिन्होंने डाकमत पत्र का उपयोग नहीं किया, ऐसे मतपत्र स्ट्रांग रूम में जमा करा दिए गए हैं। बाकी बचे डाक मतपत्र भी तुरंत जमा कराएं।