BILASPUR.सिम्स की अव्यवस्थाओं के चलते हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए व्यवस्था सुधारने आदेश दिया था। जिसके बाद जिला प्रशासन की रिपोर्ट व फोटो में अंतर देखकर हाईकोर्ट ने दो कोर्टकमिश्नर को जांच के लिए भेजा था। जिसकी रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर ने पेश की। जिसके बाद सिम्स में फैली अव्यवस्था की पूरी पोल खुल गई। कोर्ट कमिश्नर ने कोर्ट को बताया कि एमआरआई व एक्सरे विभाग में ड्रेनेज सिस्टम नहीं है वहीं गंदगी के बीच इलेक्ट्रानिक सामान है। इन सब बातों को सुनकर हाईकोर्ट ने सिम्स को पुनः फटकार लगाते हुए कहा कि मरीजों को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
बता दें, लगातार सिम्स की अव्यवस्था की खबरों के चलते हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद से कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नरों ने जांच की रिपोर्ट पेश की। इस दौरान अव्यवस्था से नाराज हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने मेडिकल कालेज प्रबंधन को तत्काल प्रभाव से ओएसडी की नियुक्ति करने के आदेश दिए है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि मरीज की जिंदगी बचाना हमारी प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए।
कोर्ट कमिश्नर ने बताई सिम्स की अव्यवस्था
हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर के तौर पर तीन अधिवक्ताओं को नियुक्त किया था। जिन्होंने बुधवार को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान एक-एक करके अपनी रिपोर्ट पेश की। साथ ही निरीक्षण के दौरान सिम्स परिसर के अलावा महत्वपूर्ण विभागों में फैली गंदगी और व्याप्त अव्यवस्था के संबंध में डिवीजन बैंच के समक्ष मौखिक रूप से जानकारी दी। खास तौर पर एक्सरे व एमआरआई विभाग में ड्रेनेज सिस्टम न होने की जानकारी दी। इसके बाद राज्य शासन ने मैन पावर कम होने की बात कही साथ ही जल्द ही व्यवस्था दुरूस्त करने की बात कही।
जस्टिस ने कहा अस्पताल है या गटर
कोर्ट कमिश्नर की बातें व रिपोर्ट पढ़कर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ये स्मार्ट सिटी का अस्पताल है यहां पर सुविधाएं दुरूस्त होनी चाहिए। जबकि अभी तक अव्यवस्थाओं में अभी तक सुधार नहीं किया जा रहा है। यह अस्पताल है या गटर। इलाज के नाम पर यहां कुछ हो ही नहीं रहा है।