RAIPUR. छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग द्वारा बड़ा एक्शन लिया गया है। इसमें राज्य सूचना आयुक्त शधनवेन्द्र जायसवाल ने आवेदकों को समय पर सूचना देने देरी करने को लापरवाही मानते हुए, सूचना का अधिकार अधिनियम का सही तरीके से पालन नहीं किए जाने पर सख्त कार्यवाही की है।
इसमें जनसूचना अधिकारियों पर पिछले ढाई सालों में 3 हजार 836 प्रकरणों में कुल 85 लाख 37 हजार रुपये से अधिक का अर्थदण्ड लगाया है। यह जुर्माना राज्य सूचना आयुक्त के कोर्ट ने मार्च 2021 से लेकर इस साल के सितंबर माह के दौरान पारित आदेश के अनुरूप लगाया गया है।
इनपर लगा जुर्माना
इसमें जनसूचना अधिकारियों में संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, सीईओ जनपद पंचायत, खंड शिक्षा अधिकारी, खनिज अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, मेडिकल कॉलेज के जनसूचना अधिकारी एवं ग्राम पंचायतों के सचिव भी शामिल है।
सूचना का अधिकार अधिनियम
आपको बता दें देश में सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर 2005 में लागू हुआ था। इस अधिनियम को लागू करने के पीछे उद्देश्य था कि इसमें नागरिकों को जानने का अधिकार मिले, सरकार के कार्यकलापों में पारदर्शिता दिखाई जा सके। साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सके और लोकतंत्र को जनता के लिए वास्तविक रूप से काम करने के लिए तैयार करना है।
इसमें कोई भी आम आदमी सरकारी दफ्तर और पर्याप्त वित्त पोषित गैर सरकारी संगठनों के कार्यालय में जाकर सूचना ले सकते हैं। सूचना अधिकारियों को 30 दिनों के अंदर आवेदकों को जानकारी देनी होती है। इसमें यदि वे जानकारी देने में देरी करते है या लापरवाही करते हैं तो उनके विरुद्ध प्रथम अपीलीय अधिकारी के यहां सुनवाई भी होती है।
इसमें 30 दिन या अधिकतम 45 दिन के अंदर आवेदन का निराकरण किया जाता है। इसके बावजूद यदि आवेदक को उसके अनुरूप जानकारी नहीं मिलती या अधूरी जानकारी मिलती है तो द्वितीय अपील अथवा शिकायत छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में की जा सकती है। जहां राज्य सूचना आयुक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत अर्ध न्यायिक प्रणाली के तहत आवेदनों पर कार्यवाही करते हैं और दोषी जन सूचना अधिकारियों पर जुर्माना लगता है।
छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में ऑनलाइन सुनवाई
नया रायपुर में आवेदनकर्ताओं के लिए बहुत अच्छी सुविधा भी है। नया रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपील और शिकायतों की सुनवाई के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। इसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किया जा सकता हैं। इसमें सभी जिलों के कलेक्टर कार्यालय स्थित एनआईसी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम से सुनवाई की जाती है। इससे आवेदनकर्ता को रायपुर आने की भी कोई जरूरत नहीं है।