NEW DELHI. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 23 अगस्त 2023 को ऐसा कारनामा किया है, जिसके बारे में दुनिया ने कभी सोचा भी नहीं था। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की और अमेरिका, चीन और रूस के बाद ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। वहीं, चंद्रमा के साउथ पोल यानी दक्षिणी इलाके में लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है।
लैंडर का रैंप खुलेने के बाद प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर आया और इसने चांद की मिट्टी पर अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप छोड़ दी। दरअसल, इसके पहियों पर दोनों चिह्नों को उकेरा गया है। इसकी पहली तस्वीर भी ISRO ने जारी कर दी है।
स्पेस एजेंसी के अनुसार, रोवर प्रज्ञान 14 दिनों तक चांद के साउथ पोल पर रिसर्च करेगा। दरअसल, चांद पर धरती के 14 दिन के बराबर एक ही दिन होता है। ऐसे में साउथ पोल पर लैंड करने के बाद रोवर इन दिनों में सूर्य की रोशनी से चार्ज होता रहेगा और अपना काम करता रहेगा। 14 दिन बाद साउथ पोल पर अंधेरा होने पर लैंडर और रोवर दोनों ही काम करने बंद कर देंगे।
जानिए कितनी बड़ी है यह सफलता
यह चंद्रमा की तस्वीरों को खींचकर अध्ययन के लिए धरती पर भेजेगा। चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग से जहां भारत का स्पेस पावर के रूप में उभरा है। इस सफलता को आप ऐसे समझ सकते हैं कि भारत के मंगलयान मिशन को लेकर अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने एक आपत्तिजनक कार्टून छापा था। इसमें एक किसान को गाय लेकर एलीट स्पेस क्लब के दरवाजे को खटखटा दिख रहा था। इससे पहले अमेरिका भारत को स्पेस टेक्नोलॉजी देने से इनकार कर चुका है।
मगर, अब भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि उसने लगभग 615 करोड़ रुपये की लागत से इस मिशन को पूरा कर दिया है। यह रकम हालिया ही में रिलीज हुई हॉलीवुड फिल्म बार्बी और ओपेनहाइमर की लागत से भी कम है।