BHILAI. भिलाई के मैत्री बाग में इस साल के नवंबर महीने में नए मेहमान आने वाले हैं। दरअसल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यहां रॉयल बंगाल टाइगर, लायन और मगरमच्छ लाए जाएंगे और इनके बदले मैत्री बाग से सफेद बाघ का एक जोड़ा दिया जाएगा। बता दें मैत्री बाग ने एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 2016 में यानी 07 साल पहले मध्यप्रदेश के मुकुंदपुर (रींवा) जू को वन्य प्राणी भेजे थे। क्योंकि मुकुंदपुर जू नया स्थापित हो रहा था इसलिए सफेद बाघ का एक जोड़ा, 03 संभार दिए गए थे। मुकुंदपुर जू नया स्थापित हो रहा था इस कारण मैत्री बाग को वन्य प्राणी नहीं मिल पाए थे। इसके बाद कोरोना काल की वजह से एक्सचेंज प्रोग्राम को बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले मैत्री बाग में 03 वाइट टाइगर का जन्म हुआ था। जिनका नाम हालही में राणा, बॉबी और रुस्तम रखा गया है. इसके बाद से ही मैत्री बाग में वाइट टाइगर की संख्या बढ़ गई है, और अब जू प्रबंधन इनके बदले अपने यहां नए वन्य प्राणी लाने की दिशा में काम कर रहा है। अगले सप्ताह रायपुर में जू अथॉरिटी के अफसरों के साथ बैठक की जाएगी, जिसमें मैत्री बाग की डिमांड को रखा जाएगा। साथ ही उसके बदले में दिए जाने वाले वन्य प्राणी की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
बात दें कि मैत्री बाग जू प्रबंधन अब तक 05 सफेद बाघ देश के अन्य जू को उपलब्ध करा चुका है। अभी मैत्री बाग में 399 वन्य प्राणी हैं। इनमें 09 वाइट टाइगर के साथ लायन, तेंदुआ, हिरण, घड़ियाल, नील गाय जैसे कई वन्य प्राणी शामिल है। 2014 के बाद से जू में देश के अन्य हिस्से से कोई नया वन्य प्राणी नहीं लाया गया है।
तीन नए शावक को दिया था जन्म
मैत्री बाग में साढ़े तीन महीने पहले सफेद बाघ सुलतान और रक्षा ने तीन नए शावक को जन्म दिया। इसके बाद मैत्री बाग में सफेद बाघ की संख्या 06 से बढ़कर 09 हो गई। इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए जू प्रबंधन ने एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत देश के दूसरे जू से उन वन्य प्राणियों की योजना बनाई जो मैत्री बाग में नहीं है। वहीं 15 अगस्त को इनका नामकरण किया गया और उन्हें केज में छोड़ दिया गया।
हालांकि मैत्री बाघ की ओर से कहा जा रहा है कि फिलहाल अभी तक एक्सचेंज प्रोग्राम कोलेकर कुछ तय नहीं हुआ है. सोमवार को बिलासपुर में होने वाली बैठक में ये एक्सचेंज प्रोग्राम तय होने की संभावना है.