BILASPUR. बिलासपुर में ठेकेदार की लापरवाही का अजीब नमूना देखने को मिला है। दरअसल, एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से लोरमी-रतनपुर के बीच 50 किमी सड़क 106 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई, जिसमें गड़बड़ी भी की गई। इस गड़बड़ी-लापरवाही का नतीजा ऐसा रहा कि रतनपुर मार्ग पर चांपी नाले की पुलिया एक किनारे से दो टुकड़े में बंट गई। इससे कोटा-रतनपुर मार्ग बंद हो गया। इस मामले में जांच की गई तब पता चला गया कि कि नई पुलिया बनानी थी, लेकिन ठेकेदार ने पुरानी पुलिया पर ही डामर चढ़ाकर रोड बना दी, जो पहले से कमजोर थी। इसके बाद वह टूट भी गई। कार्यपालन अभियंता अजय कुमार दीवान ने कहा कि हाल में उन्हें पता चला कि ठेकेदार ने पुरानी पुलिया पर सड़क बनाने के पीछे तब यह तर्क दिया था कि चांपी जलाशय में पानी भरा है, इसलिए नई नहीं बन सकती।
जानकारी के अनुसार लोरमी रतनपुर एडीबी प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान ही गंभीर गड़बड़िया सामने आने लगी थी, लेकिन ठेकेदार से सही काम नहीं कराने की वजह से उन गड़बड़ियों पर रोक नहीं लगी और लगातार लापरवाही की जाती रही। रतनपुर मार्ग में चांपी नाला पुलिया के ढहने का सबसे बड़ा कारण उसका नया स्ट्रक्चर नहीं बनना रहा। पुलिया का नया स्ट्रक्चर बनने के बाद उस पर फोरलेन सड़क बनाई जानी थी। इससे पुलिया भी मजबूत रहती, लेकिन ठेकेदार ने नियमों के अपना फायदा देखते हुए पुरानी पुलिया पर सीसी रोड बना दी। निर्माण के दौरान मॉनिटरिंग करने वाले अफसर की यह जिम्मेदारी रहती है कि स्टेप बाय स्टेप निर्माण के सही गुणवत्ता की परख कर उसे ओके रिपोर्ट दे, इसके बाद ही आगे का निर्माण होता है। पुरानी पुलिया पर सीसी रोड बनाने की बड़ी लापरवाही के बाद भी उस दौरान एडीबी के किसी भी अफसर ने ठेकेदार को नहीं रोका।
दो साल पहले ही पूरा हुआ था प्रोजेक्ट
एडीबी की लोरमी-रतनपुर सड़क दिसंबर 2020 में ही लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर हो चुकी है। इसके पूर्व इसका वर्क ऑर्डर वर्ष 2017 में जारी किया गया था, जिसे वर्ष 2019 में पूरा हो जाना था लेकिन अब तक इसका कुछ भाग नहीं बन पाया है। दरअसल प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान से ही बनाई गई सीसी रोड में रतनपुर मार्ग में जोगीपुर गांव के पास दरारें आ गई थीं। इसके अलावा कोटा में महाशक्ति चौक से रेलवे स्टेशन और फिर रेलवे क्रासिंग तक फोरलेन रोड ही नहीं बन पाया था।