BHILAI. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संपत्ति अटैच करने के मामले में विधायक देवेन्द्र यादव किसी तरह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। गुरुवार को विधायक देवेन्द्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ED की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने बताया कि ED ने जो संपत्ति अटैच की है, वह 2011 में खरीदा गया वह मकान है, जब वे छात्र थे। मां ने लोन लेकर घर खरीदा था। करीब 11 लाख के इस मकान को अब गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति बताया जा रहा है। इसके अलावा उनका जो बैंक अकाउंट अटैच किया गया है, उसमें विधायक होने के कारण उनकी सैलरी आती है। यानी सरकार द्वारा दी गई सैलरी को गलत कमाई बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ED का उद्देश्य केवल मुझे और कांग्रेस सरकार को बदनाम करना है और कुछ नहीं।
छत्तीसगढ़ में ईडी लगातार कार्यवाई कर रही हैं। कुछ दिनों पहले शराब घोटाले की शिकायत आने पर भिलाई नगर के दो बड़े कारोबारियों के घर भी रेड पड़ी। वही दूसरी ओर विधायक देवेन्द्र के घर रेड के बाद अब ईडी ने उनकी संपत्ति को अटैच कर दिया हैं। विधायक देवेंद्र यादव ने इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करवाई थी जिसमें उन्होंने ईडी के द्वारा कोई भी नोटिस न मिलने पर इसे केंद्र सरकार की राजनीति बताई है।
विधायक ने आरोप लगाया कि ईडी ने उनकी वृद्ध मां को कार्यवाई के दौरान घंटो बैठाये रखा और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। विधायक यादव इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार सवाल उठा रहे हैं और जवाब मांग रहे हैं। उनका कहना है कि यदि मेरे घर रेड के दौरान ईडी को वाकई कोई गैरकानूनी कागजात या संपत्ति के बारे जानकारी मिली है तो वे इसे सार्वजनिक करे। मेरी अपनी पैतृक संपत्ति को गैरकानूनी बताकर मुझे फंसाया जा रहा हैं। मां-बाप अपने बच्चों के रहने के लिए आश्रय बनाते हैं। सालों मेहनत करके संपत्ति बनाते हैं। इसके बाद एक राजनीतिक षडयंत्र के चलते पुश्तैनी संपत्ति को अटैच कर सीज करने की कार्रवाई निंदनीय है।
मेरी वृद्ध मां को ईडी परेशान कर रही हैं – देवेंद्र
ईडी की संपत्ति अटैचमेंट की कार्रवाई पर विधायक यादव ने सवाल उठाये और कहा कि मैं घर का सबसे छोटा सदस्य हूं इसीलिए मेरी मां ने पिताजी के गुजर जाने के बाद मेरे 21 वर्ष की उम्र में 2011 में बैंक से लोन लेकर हाउसिंग बोर्ड से 13 लाख का मकान खरीदा था। मकान खरीदते वक्त ढाई लाख रुपए जमा किये गए थे। बाकी राशि को पंजाब नेशनल बैंक में किस्त के माध्यम से अदा किया और 2020 में लोन क्लीयर हो चुका था। इसका पूरा रिकॉर्ड भी है। इसके बावजूद मेरी वृद्ध मां को समन जारी कर परेशान कर किया जा रहा है। भाजपा को भिलाई की जनता से मेरा पारिवारिक रिश्ता खटक रहा है। इसलिए उन्हें, हमें परेशान करने का टारगेट दिया गया है।
ज्यादा संपत्ति दिखाकर मुझे बदनाम कर रही ईडी
ईडी की कार्यवाई पर विधायक यादव का कहना है कि मेरे नाम पर ज्यादा संपत्ति दिखा कर मुझे बदनाम करने की नीयत से पुश्तैनी घर का बंटवारा कर दिया। मेरे नाम पर कुल 19 लाख 81 हजार 210 रुपए सीज किया है। इसमें से छत्तीसगढ़ विधानसभा से मुझे मिलने वाली सैलेरी 8 लाख रुपए है और बाकी 10 लाख घर की कीमत का पैसा है। जो मेरी मां और बड़े भैय्या के नाम पर है। उस घर के आधा हिस्सा कर मेरे नाम पर जोड़कर 19 लाख रुपए बनाया है।
केन्द्र सरकार की छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ साजिश
इसी कड़ी में विधायक देवेंद्र यादव ने ईडी को केंद्र सरकार की साजिश बताई साथ ही उनका कहना है कि केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छा काम करे। सुप्रीम कोर्ट को ईडी के व्यवहार पर संज्ञान लेना चाहिए। बीते 9 सालों से गैर बीजेपी शासित राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों का किस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है। ईडी अब राज्य में पूरे सिस्टम को ठप करने का काम कर रही है। व्यापारी, अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को समन भेजती है।
मीडिया से पहले भाजपा को कौन देता है सूचना
विधायक ने सवाल उठाया है कि मीडिया से पहले सूचनाएं भाजपा को कौन देता है। मीडिया से पहले भाजपा के आईटी सेल को पता चल जाता है कि ईडी क्या कार्रवाई कर रही है, कहां कार्रवाई करने वाली है। कितनी संपत्ति जब्त की गई है, जबकि ईडी के अधिकारी कहते हैं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। यह कैसे संभव है?