Tirandaj Desk। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है। इसमें करीब 18 हजार भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया गया है। यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से पहले करीब 20000 भारतीय फंसे थे, जिसमें से करीब 18 हजार भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से लाया जा चुका है।
मंगलवार को दो विशेष विमानों के जरिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 410 भारतीय नागरिकों को लाया गया है। खास बात है कि भारत सरकार ने अपने इस आपरेशन के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के अलावा अन्य कई देशों के नागरिकों को भी रेस्क्यू किया है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक ऑपरेशन गंगा के तहत हाल ही में बांग्लादेश के नौ नागरिकों को यूक्रेन से रेस्क्यू किया गया है। बांग्लादेश के नागरिकों को रेस्क्यू करने पर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है।
पाकिस्तान की छात्रा को भी किया रेस्क्यू
इससे पहले, आपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसी पाकिस्तान की छात्रा आसमा शफीक को भी भारत सरकार ने रेस्क्यू किया था। आसमा शफीक ने भारत सरकार और पीएम मोदी की तारीफ की है। आसमा जल्द ही अपने परिवार से मुलाकात करने वाली हैं। आसमा ने कहा कि वह कीव में भारतीय दूतावास को धन्यवाद करना चाहती हैं। भारतीय दूतावास ने कठिन स्थिति में भी हमारा सपोर्ट किया है। मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद देना चाहती हूं। उम्मीद है कि हम भारतीय दूतावास की वजह से सुरक्षित घर पहुंच जाऊंगी।
सुमी में रूस ने भारतीयों के निकलते ही किया हमला
उधर, सुमी में फंसे 700 भारतीय भी ह्यूमैन कॉरिडोर के जरिए मंगलवार को शहर से बाहर लाए गए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इन छात्रों को पोल्टावा लाया गया है। यहां से वे ट्रेन के जरिए पश्चिमी यूक्रेन लाए जाएंगे। सुमी से भारतीय छात्रों के निकलने के कुछ ही देर बाद रूस ने हमला कर दिया। वहां रूस ने इसीलिए गोलाबारी बंद की थी, ताकि भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए। यह मामला दुनिया में भारत के बढ़ते कद को दिखाता है।