तीरंदाज डेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी ही पार्टी और सेना से पीएम इमरान खान अपना समर्थन खो रहे हैं। राजनीतिक चुनौतियों के साथ ही देश की खस्ता होती आर्थिक स्थिति कि वजह से पीएम इमरान खान की सरकार भारी दबाव में है। इस बारे में नीति अनुसंधान समूह (POREG) ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए इसे पाकिस्तान में ‘बदलाव की हवा’ करार दिया है।
इमरान खान की मुसीबत यह है कि विपक्षी तो विपक्षी, उनकी अपनी ही पार्टी के नेता उन्हें घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ पाकिस्तान सरकार के रक्षा मंत्री परवेज ने इमरान खान पर खैबर पख्तूनख्वा में की गई लापरवाही को लेकर घेरा है। उन्होंने बताया कि इमरान खान की आंतरिक सुरक्षा को लेकर सेना के भीतर असंतोष का माहौल है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि रक्षा मंत्री खट्टक प्रधान मंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। खट्टक को संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अस्सी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में रक्षा मंत्री खट्टक के विरोध में उतरने पर इमरान सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं।
मंत्री खट्टर ने आगे कहा कि ‘बिजली और गैस के प्रावधान में खैबर पख्तूनख्वा की उपेक्षा की जा रही है। अन्य प्रांतों के लोग इन सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने इमरान खान को चेतावनी दी है कि अगर स्थिति बनी रही, तो खैबर के लोग पीटीआई को वोट नहीं देंगे।
पीटीआई के एक अन्य दिग्गज नूर आलम ने भी इमरान खान की आलोचना की। उन्होंने अपने गृह नगर की तुलना प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि पेशावर इस देश का जिला नहीं, बल्कि मियांवाली और स्वात है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि क्या मैं पाकिस्तानी नहीं हूं, क्या मैं यहां केवल अपना वोट डालने आया हूं?’