रायपुर। नवा रायपुर में चल रहा किसानों का प्रदर्शन आज नौवें दिन बारिश के बीच जारी रहा। पंडाल में टपकते पानी में भी किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे। वहीं गांव के इन किसानों ने अब सोशल मीडिया को अपनी लड़ाई में बड़ा हथियार बना लिया है। किसानों ने फेसबुक, ट्वीटर, इंस्ट्राग्राम और वाट्सएप को अपनी बातों को छत्तीसगढ़ी में लिख कर कमेंट कर रहे हैं।
बतादें कि नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के बैनर तले तीन जनवरी को राजधानी प्रभावित ग्रामों के हजारों किसानों का परिवार सहित रात दिन का अनिश्चित कालीन धरना पर डटे हुए है। पुलिस फोर्स लगातार किसानों को वहां से हटाने में जुटी है, लेकिन किसानों की एकता के सामने पुलिस उन्हें वहां से नहीं हटा पा रही है। 11 जनवरी को प्रदर्शन का नौवां दिन है। 10 और 11 जनवरी को बारिश होने के कारण धरना स्थल अस्त व्यस्त हो गया। लेकिन किसान गिरते पानी में भी तिरपाल, बोरा ढ़ककर आंदोलन पर डटे हुए है।
सरकार के ट्वीटर और फेसबुक पर कर रहे कमेंट
आंदोलनरत किसानों के युवा साथिय़ों ने अपनी लड़ाई में सोशल मीडिया को अपना हथियार बना लिया है। सभी सरकार द्वारा ट्वीटर और फेसबुक में किए गए पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। ताकि सरकार को नींद से जगाया जा सके। लगातार चार दिनों से सोशल मीडिया में युवा किसानों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया में कमेंट करने के कारण यह आंदोलन अब नया रायपुर से निकलकर प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंच गया है। किसानों के इस आंदोलन को कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया है।
इस तरह के कर रहे कमेंट
युवा किसान भाई फेसबुक और ट्वीटर पर बड़ी सक्रियता के साथ पोस्ट कर रहे है। कुछ युवा किसानों ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ भाजपा अउ कांग्रेस के चार चिन्हारी- सिंधी, मारवाड़ी, यूपी अउ बिहारी, भूपेश बघेल घलो पूरा परदेसिया मन ला बसावत हे, छत्तीसगढ़िया मन के भुईयां ला यूपी, बिहारी मन ला दान में देवत हे, छत्तीसगढ़िया के नाम में सब ल मूर्ख बनावत हे, पूरा-पूरा परदेसिया मन ले पेंदवली देवत हे। युवा किसान अम्बर सिन्हा ने सरकार की बैठक की एक पोस्ट पर लिखा है कि नवा रइपुर में किसान कोती घले देख ले कका। तीन जनवरी से बरसात में घलो धरना में हे। किसान के पीरा ला घलो देख ले ग कका।
सहयोग की अपील
बारिश के कारण धरना स्थल में व्यवस्था चौपट होती जा रही है। इसे लेकर तिरपाल और ठहरने की व्यवस्था करने के लिए आंदोलन की सूत्रधारों ने किसान भाईयों से सहयोग की अपील की है। अपील में लिखा है कि प्रदर्शन के दौरान 10 और 11 जनवरी को बारिश होने के कारण धरना स्थल पर पानी भर गया है। इसके बाद भी प्रभावित गांवों के किसान, माता, दीदी, मजदूर और युवा साथियों के हौसले बुलंद है। सभी के ठहरने के लिए व्यवस्था बनाने के लिए आपसे से सहयोग की अपील है।
इन मांगों को लेकर जारी है किसान आंदोलन
नया रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी/ आवासीय/व्यवसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए। भू अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा मिलनी चाहिये। नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलना चाहिए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आबंटन किया जाना चाहिए। पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट मिलने वाली भूखंड दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए। गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यवसायिक परिसर में दुकान जो आबादी से सटी हुई है जिसे 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।