रायपुर। आज केंद्रीय भूजल बोर्ड (Central Ground Water Board) आज जांजगीर-चांपा जिले में नदी उत्सव ( River Utsav) का आयोजन करने जा रहा है। दरअसल, देश की चुनी हुई 26 नदियों के तट पर मनाया जा रहा है। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय(Union Ministry of Culture) की ओर से नदी उत्सव ( River Utsav) का कार्यक्रम बनाया गया है, जो 17 से 23 दिसंबर के बीच चलाया जा रहा है। इसमें ग्राउंड और सरफेस वाटर से जुड़े वैज्ञानिक और अफसर शामिल हो रहे हैं।
भूजल वैज्ञानिकों के मुताबिक नदियों के संरक्षण के जरिए भूजल के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। चुनी हुई बड़ी नदियों के किनारे पर तटों की साफ सफाई जनजागरूकता जैसे कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जांजगीर चांपा जिले में वैज्ञानिक अफसरों की टीम महानदी के तट पर जागरूकता का कार्यक्रम कर रही है। केंद्र की ओर से तय किए गए कार्यक्रम के मुताबिक प्रदेश की महानदी और जांजगीर जिले का चयन इस कार्यक्रम के लिए किया गया है।
नदी महोत्सव एक व्यापक पहल
केंद्रीय भूजल बोर्ड के छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर डॉ. पीके नायक ( Dr. PK Nayak) के मुताबिक किसी भी भूभाग या प्रदेश में भूजल संरक्षण में नदियों की खास भूमिका होती है। राष्ट्रीय स्तर पर ग्राउंड और सरफेस वाटर को बचाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसमें नदी महोत्सव एक व्यापक पहल है। जांजगीर चांपा जिले के अलावा प्रदेश की अन्य नदियों की तट पर भी इसी तरह की गतिविधियां की जाएंगी, ताकि लोग जुड़ सकें।
(TNS)