RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में 18 अगस्त से हड़ताल में बैठे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16 हजार कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग ने हड़ताल पर बैठे इन कर्मचारियों को आज यानी 16 सितंबर शाम तक का समय दिया गया है। इसके बाद भी काम पर नहीं लौटने वाले कर्मचारियों को एक महीने की नोटिस देकर नौकरी से निकाला जाएगा। विभाग की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को इस तिथि के वेतन का भुगतान भी नहीं किया जाएगा।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में एनएचएम के संविदा कर्मचारी अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर 18 अगस्त से हड़ताल पर हैं। इसके कारण प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। वे इस दौरान सरकार को खून से चिट्ठी भी लिख चुके हैं। हड़ताल के दौरान राज्य शासन ने कर्मचारियों की 10 में से पांच मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन वे सभी दस मांगें पूरी होने के बाद भी हड़ताल से लौटने की बात पर अड़े हुए थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और कुल प्रजनन दर में कमी लाना, मलेरिया-टीबी की रोकथाम के लिए टीकाकरण करना तथा लोगों तक किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना शामिल है।
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बता दें कि हड़ताल से नहीं लौटने पर राज्य शासन ने एनएचएम कर्मचारी संगठन से जुड़े 25 पदाधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था। इसका असर यह हुआ कि प्रदेश भर के एनएचएम कर्मचारियों ने अपना इस्तीफा जिलों के सीएमओको सौंप दिया था। इनमें सबसे ज्यादा एएनएम, स्टाफ नर्स, सीएचआे की संख्या की ज्यादा है। वहीं मैनेजमेंट श्रेणी के चार हजार से ज्यादा कर्मचारी पदस्थ हैं जबकि शेष 12 हजार सर्विस सेक्टर में हैं।
ये हैं प्रमुख मांगें
- संविलियन और स्थायीकरण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड पे निर्धारण
- कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता
- 27% लंबित वेतन वृद्धि
- नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
- अनुकंपा नियुक्ति
- मेडिकल अवकाश की सुविधा
- स्थानांतरण नीति का प्रावधान
- न्यूनतम 10 लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा