KONDAGAON NEWS. कोण्डागांव जिले के केशकाल थाना क्षेत्र के कोहकामेटा गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। पुलिस का दावा है कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए सर्च अभियान में दोनों ओर से गोलीबारी हुई, जबकि कांग्रेस ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया है। तो वहीं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व कोण्डागांव विधायक लता उसेंडी ने कांग्रेस पर मामले को राजनीतिक रंग देकर तूल देने की बात कही है।
पुलिस के अनुसार, शुक्रवार रात डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की संयुक्त टीम सर्चिंग पर निकली थी। इस दौरान 10–12 सशस्त्र नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में नक्सली जंगल का सहारा लेकर भाग निकले। मौके से दो भरमार बंदूक, नक्सली साहित्य, वर्दी और दवाइयाँ बरामद की गईं। वहीं मुठभेड़ स्थल के पास एक ग्रामीण युवक अभय नेताम घायल अवस्था में मिला, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस का कहना है कि उसकी हालत स्थिर है।
दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घायल युवक शिकार करने गया था, लेकिन पुलिस ने पहचान बताने के बावजूद गोली चला दी। मरकाम ने आरोप लगाया कि परिजनों को समय पर सूचना नहीं दी गई और ग्रामीणों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे चुप रहें। कांग्रेस ने मांग की है कि घायल अभय नेताम को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही पूरे मामले की न्यायिक जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाए। मरकाम ने कहा कि यदि न्याय नहीं मिला तो कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से सदन तक जोरदार ढंग से उठाएगी।
इधर इस मामले में कोण्डागांव विधायक व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी ने कहा कि, कांग्रेस को जहां स्वार्थ नजर आता है, उधर पलट जाते हैं। पुलिस ने विज्ञप्ति जारी कर मुठभेड़ की बात कही है, जो सत्य है। कांग्रेस इसे अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक रंग दे रही है।
उधर, घायल युवक के पिता ने कहा कि उनका बेटा जंगल गया था, वहां मुठभेड़ हुई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि गोली पुलिस की लगी या नक्सलियों की। फिलहाल उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। इस घटना को लेकर कोण्डागांव ही नहीं, बल्कि पूरे बस्तर अंचल में चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब देखना होगा कि यह मामला आगे किस दिशा में बढ़ता है, पुलिस के दावे पर विश्वास किया जाए या कांग्रेस के आरोपों पर।