NEW DELHI NEWS. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने से टेक्नोलॉजी में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसके साथ ही कंपनियां अपने सभी एप भी अपडेट कर रही हैं। इस क्रम में अब यट्यूब (YouTube) भी अपग्रेड होने वाला है। YouTube में वीडियो बनाने के तरीके में एक नया मोड़ आ रहा है, और इस बार इसका संबंध इंसानी बुद्धिमत्ता से नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से है। वीडियो स्ट्रीमिंग की दिग्गज कंपनी एक नया AI टूल टेस्ट कर रही है जो बिना कैमरा, संपादन या अभिनय कौशल के वीडियो बना सकता है।
यह टूल गूगल की नई AI तकनीक Veo 3 को YouTube Shorts में इंटीग्रेट करने का प्लान है। गूगल का AI टूल Veo 3 एक ऐसा उपकरण है जो टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स से वीडियो क्रिएट करता है। इसका मतलब है कि आपको किसी कैमरे या पारंपरिक सेटअप की जरूरत नहीं होगी। सभी काम AI द्वारा किया जाएगा और वीडियो तैयार होकर सामने आएगा। यह सुनने में रोमांचक लगता है लेकिन यह छोटे शहरों के कंटेंट क्रिएटर्स के लिए बुरी खबर हो सकती है, जिन्होंने अपनी मेहनत से अपना काम बनाया है।
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गूगल की एआई तकनीक Veo 3 सिर्फ वीडियो संपादित करने का टूल नहीं है, बल्कि यह केवल कुछ शब्दों के जरिए पूरा वीडियो बना सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आप चाहते हैं कि एक बच्चा कागज़ के हवाई जहाज से खेलते हुए दिखे और बैकग्राउंड में खुशी से भरी म्यूजिक चल रही हो, तो आपको बस यह टेक्स्ट टाइप करना है और वीडियो तैयार हो जाएगा।
आपको कुछ भी शूट करने की जरूरत नहीं होगी और न ही किसी एडिटिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करने की आवश्यकता होगी। Veo 3 के साथ आप अपने वीडियो में आवाज़, दृश्य और माहौल भी जोड़ सकते हैं। YouTube का कहना है कि Shorts को हर दिन 200 बिलियन से अधिक बार देखा जाता है। और Veo 3 के आने के बाद यह संख्या और भी बढ़ सकती है।
इसका दूसरा पहलू यह है कि अगर AI द्वारा बनाए गए वीडियो प्लेटफॉर्म पर हावी हो जाते हैं तो असली कलाकारों को उतनी पहचान नहीं मिल पाएगी। YouTube पार्टनर प्रोग्राम में शामिल 25% से ज्यादा लोग Shorts से पैसे कमाते हैं और अगर AI उनका काम तेजी से और कम खर्च में कर सकता है, तो कई लोग अपनी आय का स्रोत खो सकते हैं।