RAIPUR NEWS. राजधानी रायपुर में स्काई वॉक को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। 6 साल तक काम बंद रहने के बाद साय सरकार ने 37 करोड़ रुपये खर्च कर इसे पूरा कराने का फैसला कर ली, जिस पर कांग्रेस फिर से हमला बोलते हुए भ्रष्टाचार का आरोप जड़ दिया। उसके बाद आज भाजपा विधायक राजेश मूणत, जिनके लोक निर्माण मंत्री रहते स्काई वॉक प्रोजेक्ट शुरू हुआ, उन्होंने सारे आरोप और सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि हर तरह के सर्वे और उपयोगिता रिपोर्ट के आधार पर ही स्काई वॉक का काम शुरू हुआ था। लेकिन कुछ कांग्रेसी नेताओं का हित नहीं सध रहा था तो इसका विरोध शुरू कर दिया गया। भूपेश सरकार में तीन तीन कमेटी से स्काई वॉक की उपयोगिता, उसके सर्वें और टेंडर की जांच कराई। तत्कालीन कलेक्टर भारतीदासन ने इसे जनता के लिए उपयोगी बताते हुए काम को पूरा कराने का सुझाव दिया था। सत्यनारायण शर्मा की कमेटी ने भी इसे पूरा करने की बात कही, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि निर्माण एजेंसी के वर्क ऑर्डर को भी टर्मिनेट नहीं किया गया।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तत्कालीन सीएम को उनसे कुछ ज्यादा ही मुहब्बत थी, इसलिए बिना जांच के ही एफआईआर कराने के निर्देश भी दिए गए थे। तब उन्होंने कांग्रेस सरकार को पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराने की चुनौती दी थी। तब भी सरकार ने कुछ नहीं किया था।
राजेश मूणत ने कहा कि आज जो कांग्रेसी इस प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे हैं, वो खुद इसके शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए थे। तब क्यों विरोध या सुझाव नहीं दिए थे? उन्होने कहा 77 करोड़ का ये प्रोजेक्ट है, बची 37 करोड़ रुपये ही जारी हुई है, लेकिन 100 करोड़ का प्रोजेक्ट होने की अफवाह फैलाई जा रही है।
हालांकि, राजेश मूणत के सफाई के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने फिर से हमला बोला, और कहा कि आज स्काई वॉक पर चलना ही कितने लोग चाहते हैं। कांग्रेस ने अपने ट्ववीटर हैंडल से भी इस प्रोजेक्ट को लेकर तंज कसा है।
एक तस्वीर पोस्ट करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने लिखा ‘1 अरब रुपए का स्काईवॉक
यह तो केवल मॉडल परीक्षण है, अगर सफल हुआ तो धरती से वैकुंठ तक स्काईवॉक बनवाएगी विष्णु देव सरकार। नोट – इतने अभूतपूर्व विकास कार्य का प्रचार नहीं हो रहा तो हम थोड़ी मदद करने आ गए।