रायपुर। कोरोना के नए वैरिएंट की पहचान के लिए छत्तीसगढ़ में लैब न होने से दिक्कतें बढ़ती जा रही है। रविवार को प्रदेश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल 15 नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में नए वैरिएंट के मामले 36 तक पहुंच गए हैं। इसमें खास बात यह है कि जब तक जिनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट सामने आती तब तक मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं। जांच रिपोर्ट आने में देरी के कारण लगातार स्थिति बिगड़ने लगी है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार को सामने आए ओमिक्रॉन के मामलो बिलासपुर में सबसे ज्यादा 8 केस मिले हैं। राजनांदगांव के 6 व रायपुर के एक व्यक्ति में ओमिक्रॉन संक्रमण पाया गया। फिलहाल सभी मरीज स्वस्थ हैं। इधर रविवार को प्रदेश भर में हुए 27 हजार 377 सैंपलों की जांच की गई। जिसमें 3841 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश की औसत पॉजिटिविटी दर 14.03 प्रतिशत रही।
प्रदेश में बढ़ी संक्रमण दर
एक सप्ताह से स्थिर रहने के बाद रविवार को संक्रमण दर में बढ़ोत्तरी देखी गई है। एक दिन पहले प्रदेश का संक्रमण दर 11.76 रहा वहीं रविवार को बढ़कर 14.03 प्रतिशत तक पहुंच गया। रविवार अवकाश का दिन होने के कारण औसतन कम सैंपलों की जांच की गई। रविवार को सामने आए कुल मामलों में से लगभग आधे मरीज रायपुर व दुर्ग जिले से हैं। रायपुर में इस दौरान 1018 व दुर्ग में 873 नए मामले सामने आए।
लगातार दूसरे दिन 11 मौतें
रविवार को भी कोरोना के कारण 11 लोगों की मौत हुई। लगातार दूसरे दिन प्रदेश में 11 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 13 हजार 727 तक पहुंच गया है। प्रदेश में अब तक कुल 10 लाख 95 हजार 709 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं अब तक 10 लाख 49 हजार 992 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में फिलहाल 31 हजार 990 लोगों को इलाज किया जा रहा है।
19 जिलों में 1 से 100 के बीच कोरोना संक्रमित
प्रदेश में रविवार को 19 जिलों में 1 से 100 के बीच मरीज रहे। कोंडागांव से 1, नारायणपुर से 2, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से 3, सुकमा से 6, बेमेतरा से 15, गरियाबंद से 19, बीजापुर से 25, बलरामपुर से 26, दंतेवाड़ा से 28, महासमुंद से 33, कोरिया से 33, कबीरधाम से 42, सूरजपुर से 43, मुंगेली से 47, कोरबा से 52, सरगुजा से 65, बालोद से 71, बलौदाबाजार से 93, कांकेर से 96 कोरोना संक्रमित पाए गए।
स्वाथ्य मंत्री फिर दोहराई जिनोम सिक्वेंसिंग लैब की मांग
इधर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिनोम सिक्वेंसिंग लैब की मांग फिर से दोहराई है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से इसे लेकर फोन पर चर्चा की है। रायपुर एम्स व मेडिकल कॉलेज में इसकी सुविधा शुरू करने कहा है। ताकि समय पर यहां आमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान हो सके। उन्होंने बताया कि अभी भुवनेश्वर लैब भेजा जा रहा है जहां से जांच रिपोर्ट आने में 20 दिन से ज्यादा समय लग जाता है।