NEW DELHI NEWS. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने करोड़ों देशवासियों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार सुबह RBI के नए गवर्नर बने संजय मल्होत्रा ने जानकारी दी कि रेपो रेट (ब्याज दर) में 25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की कटौती की गई है। रेपो रेट में बहुत लंबे समय बाद कटौती की गई है।
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तीन दिन तक चली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट घटाने का फैसला लिया गया। 5 फरवरी से 7 फरवरी तक चलने वाली इस बैठक में सर्वसम्मति से रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करके इसे 6.5% से 6.25% करने का फैसला लिया गया है। 2025 की पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में हुई
दरअसल, लगभग 5 साल बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (ब्याज दर) में कटौती का फैसला किया है। इससे पहले मई 2020 में आखिर बार आईबीआई ने रेपो रेट में कटौती की थी। कोरोना काल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत (40 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की थी।
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जून 2023 के बाद से ही रेपो रेट में रिजर्व बैंक ने किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया। जून 2023 में आखिरी बार रेपो रेट बढाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था। आरबीआई ने तब से रेपो रेट में न ही घटाया और न ही बढ़ाया है।
रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत (25 बेसिस पॉइंट्) की कटौती होने के बाद बैंक से सस्ता लोन मिलेगा। साथ ही बैंक होम लोन और कार लोन समेत तमाम लोन पर ब्याज दर सस्ती हो जाएगी। आपकी मंथली EMI भी सस्ती हो जाएगी।
बता दें, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। हर 2 महीने में एक बार होने वाली आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में ऋण ब्याज दरों, मुद्रास्फीति और अन्य वित्तीय मामलों की समीक्षा की जाती है और इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जाते हैं। रेपो रेट में वृद्धि से एफडी पर भी ब्याज बढ़ जायगा। इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को होगा जिन्होंने बैंक में FD करा रखी है।
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संजय मल्होत्रा की RBI गवर्नर बनने के बाद यह उनकी पहली MPC मीटिंग थी। 10 दिसंबर, 2024 को शक्तिकांत दास 6 साल तक आईरबीआई का गवर्नर रहने के बाद पद छोड़ दिया। संजय मल्होत्रा इससे पहले केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व सचिव की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे। वो राजस्थान कैडर 1990 बैच के IAS अफसर हैं।
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